मुंबई : भारत और मुंबई इंडियन्स के आलराउंडर हार्दिक पंड्या ने पिछले सात महीनों को अपनी जिंदगी का सबसे मुश्किल दौर करार दिया जब महिलाओं पर अपनी टिप्पणियों के कारण विवाद में फंसने के बाद उन्हें यह नहीं सूझ रहा था कि आगे क्या करना चाहिए.
मुंबई इंडियन्स की चेन्नई सुपरकिंग्स पर आईपीएल मैच में जीत में अहम भूमिका निभाने वाले पंड्या को इस साल के शुरू में एक टीवी कार्यक्रम के दौरान महिलाओं पर अपनी टिप्पणियों के लिये बीसीसीआई ने निलंबित कर दिया था और उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच से स्वदेश भेज दिया गया गया था. बाद में जांच लंबित होने तक उनका निलंबन हटा दिया गया.
इस 25 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि वह इस विवाद को अब भूल चुके हैं.
पंड्या ने कहा कि मैं टीम की जीत में भूमिका निभाकर अच्छा महसूस कर रहा हूं. सात महीने में मैं बमुश्किल कोई मैच खेल पाया। यह मुश्किल दौर था और मैं नहीं जानता था कि क्या करना है. मैं लगातार बल्लेबाजी पर ध्यान दे रहा था. मैं हर मैच में अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहता था. इस तरह से बल्लेबाजी करना और टीम को जीत दिलाना बहुत अच्छा अहसास है.
पंड्या ने आठ गेंदों पर नाबाद 25 रन बनाये और फिर तीन विकेट लिये जिससे मुंबई ने चेन्नई पर 37 रन से जीत दर्ज की. उन्होंने मैच आफ द मैच पुरस्कार को उन लोगों को समर्पित किया जिन्होंने मुश्किल दौर में उनका साथ दिया. उन्होंने कहा कि मैं चोट के कारण बाहर था और फिर विवाद पैदा हो गया. मैं इस मैन आफ द मैच को अपने परिवार और दोस्तों को समर्पित करना चाहता हूं जिन्होंने इस मुश्किल दौर में मेरा साथ दिया.
पंड्या ने कहा कि अब मेरा ध्यान केवल आईपीएल खेलने और यह सुनिश्चित करने पर लगा है कि भारत विश्व कप जीते.