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उच्च शिक्षा की चाहत रखने वाले के लिए इग्नू वरदान

सहरसा : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा संगम विहार के सभागार में बुधवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. दीक्षांत समारोह के माध्यम से सफल छात्र, छात्राओं को प्रमाणपत्र दिया गया. इग्नू मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम देखा गया. क्षेत्रीय केंद्र […]

सहरसा : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा संगम विहार के सभागार में बुधवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. दीक्षांत समारोह के माध्यम से सफल छात्र, छात्राओं को प्रमाणपत्र दिया गया.

इग्नू मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम देखा गया. क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित समारोह में विशिष्ट अतिथि कुलपति डॉ अवध किशोर राय एवं क्षेत्रीय निदेशक डॉ मिर्जा नेहाल बेग ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
कुलपति प्रो राय ने कहा कि अच्छी शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो इसी को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा की चाहत रखने वाले लोगों के लिए इग्नू वरदान साबित हो रहा है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि अधिकतम उम्र सीमा की पाबंदी नहीं है.
वैसे लोग खासकर महिलाएं जो कॉलेज आने जाने में सक्षम नहीं है या अपने जीवन यापन के कार्यों में व्यस्त हैं व उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती हैं. उनके लिए इग्नू वरदान साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे भारत में नौ सौ तीन विश्वविद्यालय है.
इसके अंतर्गत चालीस हजार कॉलेज हैं, जो बढ़ती जनसंख्या के कारण बहुत कम है और बिहार में तो काफी कम है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में शिक्षा का प्रतिशत 25.8 है. जबकि बिहार में यह मात्र 12 प्रतिशत ही है. क्षेत्रीय निदेशक डॉ बेग ने कहा कि इस समारोह में डिग्री लेने के लिए 24 सौ शिक्षार्थी पात्र हैं. इसमें लगभग तीन सौ शिक्षार्थी जो समारोह में आये हैं, उन्हें प्रमाणपत्र दिया गया है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में पूरे भारत मे लगभग 30 लाख शिक्षार्थी इग्नू में नामांकित है. जिसमें क्षेत्रीय केंद्र सहरसा में नामांकित शिक्षार्थियों की संख्या 17 हजार 359 है. इस केंद्र के अंतर्गत आठ जिलों में जेल कैदियों, महिलाओं, अत्यंत पिछड़े क्षेत्र के लिए विशेष अध्ययन केंद्र सहित 16 अध्ययन केंद्र कार्यशील है.
उन्होंने बताया कि पिछले माह में कलावती महाविद्यालय रानीगंज अररिया में नया अध्ययन केंद्र स्थापित किया गया है. इसके अलावे सदर अस्पताल सुपौल में अध्ययन के लिए नर्सों के लिए विशेष अध्ययन केंद्र की स्थापना की गयी है. इस मौके पर कार्यक्रम में मंच पर मास्टर डिग्री के लगभग 50 परीक्षार्थियों को डिग्री प्रदान की गयी. कार्यक्रम का संचालन सहायक कुलसचिव ओझा जयप्रकाश द्वारा किया गया.
जबकि सहायक कार्यपाल राजकुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर प्रति कुलपति डॉ फारूक अली, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक डॉ तकीउद्दीन अहमद, रमेश झा महिला कॉलेज प्राचार्य डॉ रेणु सिंह, अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय प्राचार्य डॉ राणा जयराम सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा व अभिभावक मौजूद थे.
कॉलेजों में घटती छात्रों की संख्या चिंताजनक
कुलपति अवध किशोर राय ने रेगुलर क्लासेस में बच्चों की घटती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कॉलेज में योग्य शिक्षकों की उपस्थिति के बावजूद भी छात्रों की संख्या लगातार घट रही है.
छात्रों की उपस्थिति कम होने से उपस्थिति के न्यूनतम अर्हता पर विश्वविद्यालय में कड़े कदम उठाये जाने का प्रावधान है. इससे छात्रों को परीक्षा में फॉर्म भरने में दिक्कत होती है फिर भी छात्रों और अभिभावकों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है.
छात्र कोचिंग की ओर आकर्षित होकर विषयवार अन्य विषयों में पीछे चल रहे हैं. सभागार में उपस्थित प्रो रेणु सिंह ने भी छात्रों के कक्षाओं में घटती उपस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि कक्षाएं पूरी नहीं कर, कोई भी छात्र विषयों में निष्णात नहीं हो सकता है.
कुलपति महोदय का इस ओर चिंता व्यक्त किया जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. निसंदेह एक सामूहिक प्रयास छात्र शिक्षक व अभिभावकों का इस दिशा में होना अनिवार्य है. कुलपति ने छात्रों को शिक्षा के विरुद्ध बहुद्देशीय लाभ और उसे प्राप्त करने में दूरस्थ शिक्षा का योगदान को भी महत्वपूर्ण बतलाया.

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