मोरवा: प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में संचालित सात निश्चय के तहत चलने वाले नल जल योजनाओं में वार्ड सदस्य की मनमानी अब खुलकर सामने आने लगी है. वार्ड सभा के गठन से लेकर बोरिंग लगाने तक में इनकी मनमानी स्पष्ट दिखाई दे रही है. अपने चहेते को वार्ड सचिव बनाना हो या अपने निजी जमीन पर बोरिंग लगाना इनकी मर्जी होती है.
वार्ड सदस्यों की इन्हीं मनमानी को लेकर न केवल योजनाओं पर मनमानी की जा रही है बल्कि मनमाफिक जगह पर बोरिंग गाड़ने से विवाद उत्पन्न होने लगा है. प्रखंड क्षेत्र में अब तक दर्जनों वार्डों में ऐसी घटना हो चुकी है जिसमें बगैर स्थल चयन के बोरिंग गाड़ने के कारण विवाद हो गया. इस तरह के कई मामले प्रखंड कार्यालय तक पहुंचते हैं लेकिन जब तक उस पर कार्रवाई होती तब तक बोरिंग करने का काम पूरा हो चुका होता है.
इसी तरह के मामले केशो नारायणपुर, बाजितपुर करनैल, निकसपुर, मोरवा दक्षिणी, लड़ुआ आदि पंचायतों में बोरिंग करने को लेकर मामले प्रखंड से लेकर थाने पहुंच चुके हैं. बीडीओ शिव शंकर राय का कहना है कि बोरिंग तो चयनित स्थल पर ही लगाना है लेकिन अगर किसी कारणों से उस जगह पर विवाद हो जाता है तो दोबारा आमसभा कर स्थल चयन किया जा सकता है.