– सरकारी भवनों/स्थलों पर तंबाकू सेवन करने वालों पर होगी दंडात्मक कारवाई
– स्वास्थ्य विभाग ने सभी विभागों ने मांगा सहयोग
– विक्रेता नहीं बेच सकेंगे बिना लाइसेंस के तंबाकू उत्पाद
– बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचने पर लगेगा 1 लाख तक का जुर्माना और 7 साल की सजा
रांची : झारखंड सरकार के सभी संबंधित अधिकारियों को तंबाकू नियंत्रण के गुर सिखाने के लिए राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्थान सीड्स और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को अपर सचिव चन्द्र किशोर उरांव की अध्यक्षता में नेपाल हाउस के सभागार में राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गयी.
अपर सचिव ने बताया कि तंबाकू के दुष्परिणामों से बच्चों और अवयस्कों को बचाना बहुत आवश्यक है. उन्होंने सभी पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी प्रतिभागी अपने अपने विभाग के माध्यम से इस कार्यक्रम का संचालन करें. सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से तंबाकू नियंत्रण की आवश्यकता पर बल दिया.
श्री मिश्र ने बताया कि बच्चे व युवा तंबाकू उद्योग का सबसे सॉफ्ट टारगेट होता है जिन्हें लुभाने के लिए तंबाकू कंपनी तरह-तरह के हथकंडे अख्तियार करती है. तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ ललित रंजन पाठक ने झारखंड के विभिन्न जिलों में अब तक किये गये गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी साथ ही राज्य सर्कट के सभी विभागों को अपनी भूमिका निभाने का सुझाव दिया.
विदित हो कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित GATS 2 के सर्वे में झारखंड में तंबाकू सेवन करने वालों में काफी कमी आयी है, यह आंकड़ा 50.1 फीसदी से घटकर 38.9 फीसदी हो गयी है. उक्त कार्यशाला में नेपाल हाउस में अवस्थित सभी विभागों के संयुक्त सचिव, उप सचिव तथा अवर सचिव स्तर के सभी पदाधिकारियों सहित सीड्स के कार्यक्रम समन्वयक रिम्पल झा, भोला पांडेय, नरेंद्र कुमार शाही ने भाग लिया.