20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Interview : ”जो हार मान ले वो हीरो काहे का”

कामयाब होना जितना मुश्किल है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है कामयाबी के उन पलों में खुद के पांव जमीन पर टिकाये रखना. और जो कामयाबी में भी खुद को जमीन से जोड़े रख पाते हैं वही लम्बी रेस का घोड़ा साबित होते हैं. कुछ ऐसी ही शख्सियत है बॉलीवुड अभिनेता आलोक पांडेय की. बहुत कम […]

कामयाब होना जितना मुश्किल है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है कामयाबी के उन पलों में खुद के पांव जमीन पर टिकाये रखना. और जो कामयाबी में भी खुद को जमीन से जोड़े रख पाते हैं वही लम्बी रेस का घोड़ा साबित होते हैं. कुछ ऐसी ही शख्सियत है बॉलीवुड अभिनेता आलोक पांडेय की. बहुत कम वक्त में ही फिल्म इंडस्ट्री के बड़े-बड़े निर्देशकों का सान्निध्य हासिल होने के बावजूद अपने सफर को मेहनत और समर्पण के साथ सवांरते आलोक आज भी सफलता का श्रेय परिवारवालों और दोस्तों के त्याग को ही देते हैं. भूमिका भले छोटी हो, पर खाते में इंडस्ट्री के दिग्गज निर्देशकों की फिल्में जमा हैं.

अनुराग कश्यप, नीरज पांडेय, राजकुमार हिरानी, सूरज बड़जात्या, निखिल आडवाणी, रंजीत तिवारी, श्याम बेनेगल, अशोक नंदा,अभिषेक दीक्षित और मुन्ज़िर नक़वी जैसे निर्देशकों के साथ काम करने वाले आलोक की इस साल चार फिल्में आने वाली हैं. राजश्री की हम चार के अलावा वो इस साल अनुपम खेर के साथ वन डे, जॉन अब्राहम के साथ बटला हाउस और पंकज कपूर के साथ सहर में दिखाई देंगे. सिनेमा, टीवी और वेब सीरीज के बढ़ते प्रभाव पर प्रभात खबर से खास बातचीत में आलोक ने बेबाकी से अपनी राय रखी.

Q सात सालों का लम्बा संघर्ष भी आपको तोड़ नहीं पाया. आखिर वो क्या है जिसने आपके हौसले को अबतक जिंदा रखा है?
A मुझपर निर्देशकों का भरोसा. राजकुमार हिरानी और सूरज बड़जात्या जैसा निर्देशक जब पर्सनली आपके काम की तारीफ करे, तो हौसलों के धराशायी होने का सवाल ही पैदा नहीं होता. सात सालों में भले ही कम फिल्में की हो, पर हर निर्देशक ने मेरे काम को सराहा. कई बार तो बेहतर काम की वजह से ही कई फिल्मों के किरदार को बाद में डेवलप भी किया गया. ऐसी ही बातें और बेहतर करने और संघर्ष जारी रखने के लिए अंदर से ताकत और हौसला देती हैं. और जो हार मान ले वो हीरो काहे का. (हँसते हुए) वैसे ये मेरी आने वाली शार्ट फिल्म ककक…किरण का डायलॉग भी है.

Q आजकल के युवा जहां संघर्षों से घबराकर या तो वापसी कर लेते हैं या रास्ता बदल देते हैं, कभी आपका मन नहीं हुआ टेलीविज़न की ओर रुख करने का?
A मानता हूं कि टीवी में काफी पैसा है, शोहरत भी है. पर फिल्म इंस्टिट्यूट में पढ़ाई के दौरान ही ठान लिया था कि फिल्मों के अलावा कुछ नहीं करूंगा. ये अलग बात है कि शुरुआत ही डीडी के सीरियल से हुई. पर इसे भी मैं पॉजिटिव ही लेता हूं कि दूरदर्शन के सीरियल करने वाले अधिकतर कलाकार आगे चलकर फिल्मों का बड़ा नाम बने हैं. हां आजकल वेब सीरीज का प्रभाव भी फिल्मों के लेबल का हो गया है, जहां सिनेमा का हर बड़ा स्टार काम कर रहा है. तो वेब सीरीज में मौका लगा तो जरूर काम करना चाहूंगा.

Q इस साल आपकी चार फिल्में आने वाली हैं. कामयाबी का रास्ता खुलता नज़र आ रहा है क्या?
A मेरा मानना है कामयाब होना या न होना हमारे हाथ नहीं है. हमारे हाथ जो है वो बस इतना कि मेहनत किये जाओ, और वो मैं पूरी ईमानदारी से कर रहा हूं. बाकी सब दर्शकों के हाथ है. जहां तक इस साल आने वाली फिल्मों की बात है तो इस साल मेरी चार फिल्में हैं. राजश्री की हम चार आ चुकी है. अनुपम खेर सर के साथ वन डे आने वाली है. उसके बाद निखिल आडवाणी की जॉन अब्राहम के साथ बटला हाउस और पंकज कपूर सर के साथ सहर आएगी. इन सब से काफी उमीदें हैं. इसके अलावा गौरव, जो कि मेरे अच्छे दोस्त हैं, उनके साथ एक शार्ट फिल्म ककक…किरण की है, जिसमें मेरे कई सारे शेड्स हैं. यह फिल्म पहले ही देश-विदेश के फेस्टिवल्स में सराही जा चुकी है. जल्द ही इसकी रिलीज के साथ इसके अगले पार्ट की भी शूटिंग शुरू होगी.

Q थोड़ा पीछे चलते हैं, यूपी के छोटे से शहर शाहजहांपुर के छोटे से गांव के लड़के की आंखों में अभिनेता बनने का सपना कब और कैसे तैर गया?
A ठीक-ठीक तो कह नहीं सकता, पर ये ख्वाब शायद होश संभालने के पहले जन्म ले चुका था. मां बताती हैं कि छुटपन से ही मुझे आईने से प्यार था. घंटो आईने के सामने बैठ तरह-तरह की वेशभूषाएं बनाना और नकल करना मेरी आदत थी. फिर स्कूल के हर फंक्शन्स में भाग लेने लगा. दर्शकों की तालियां मेरे अंदर रोमांच भर देती थी. कॉलेज के दिनों में दोस्तों के साथ थियेटर का जो चस्का लगा, उसने आखिरकार मुझे सिनेमा की दहलीज तक पहुंचा दिया.

Q इस सफर को थोड़ा विस्तार से बताएं?
A कॉलेज की पढ़ाई के दौरान कुछ दोस्त बने जो थिएटर से जुड़े थे. उनके साथ पहली बार जब एक प्ले देखने का मौका लगा, वहीं से मेरी दुनिया बदल गयी. पहला प्ले देखकर ही लगा यही तो है जो मैं करना चाहता हूं. फिर मैंने भी शाहजहांपुर में एक थिएटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया. पर महीना पूरा होते होते गांव शहर का चक्कर लगाना मुश्किल लगने लगा. शहर में किराये का घर भी लिया, पर जल्द ही सब छोड़कर वापस गांव चला गया. पर होनी को कुछ और ही मंजूर था. दो ही महीने बाद अखबार के जरिये पता लगा की जिस थिएटर ग्रुप में मैं काम करता था वो कहीं बाहर शो करने गया है और उसमें मेरे दो दोस्त भी हैं. मुझे लगा अगर मैंने ग्रुप छोड़ा नहीं होता तो आज मेरा भी अखबार में नाम होता. अंदर के कीड़े ने उबाल मारा और मैं एक बार फिर जा पहुंचा उसी संस्कृति ग्रुप के पास. एक साल तक आलोक सक्सेना जी से अभिनय की एबीसीडी सीखी. आगे चलकर एनएसडी में प्रारंभिक सिलेक्शन के बावजूद आखिरी चरण में चुनाव नहीं हो सका. तब बीएनए लखनऊ में एडमिशन ले लिया. दो साल की पढ़ाई के दौरान कई प्लेज किये. फिर वहां से 45 दिनों के फिल्म अप्रेसिएशन कोर्स के लिए कोलकाता सत्यजीत रे फिल्म इंस्टिट्यूट जाने का मौका मिला. कुछ दिनों बाद छह महीने का एक और कोर्स किया और दिसंबर 2012 में फाइनली मुंबई आ गया.
Q छोटे किरदारों के बावजूद आप लोगों के जेहन में याद रह जाते हैं. किरदार की तलाश के लिए क्या प्रोसेस अपनाते हैं?
A सबसे पहले तो किरदार के परिवेश, लुक्स और थॉट प्रोसेस को समझने का प्रयास करता हूं. डायरेक्टर्स के इनपुट पर भी काम करता हूं. और इसके अलावे जिस बात का सबसे ज्यादा ख्याल रखता हूं वो है कैमरे के सामने जितना हो सके नेचुरल बने रहने का प्रयास. क्यूंकि किरदार की डिमांड से ज्यादा एफर्ट अभिनय को बनावटी बना देता है.

Q किस तरह का किरदार आपके अंदर के अभिनेता को संतुष्ट करता है?
A देखिये, अभिनेता अगर संतुष्ट हो गया फिर उसके अभिनय का द एंड हो जाता है. रही बात पसंदगी की, तो मेरे सारे किरदार मेरे दिल के करीब हैं, पर शार्ट फिल्म ककक…किरण का मेरा किरदार मुझे ही नहीं आप सब को भी खासा पसंद आएगा. साइको थ्रिलर वाली इस फिल्म में मेरे किरदार पर काफी मेहनत की गयी है. उम्मीद है जल्द ही ये आप सबके सामने होगी.

फिल्मोग्राफी
धौनी, प्रेम रतन धन पायो, सनम तेरी कसम, पीके, लखनऊ सेंट्रल, हम चार, वन डे, बटला हाउस, सहर
शाॅर्ट फिल्म
दैट डे आफ्टर एवरी डे, लड्डू, ककक… किरण

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें