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लातेहार : पैनल लॉयर ट्रेनिंग- पीडीजे ने कहा- हाल सर्वे में गड़बड़ियों का समाधान सिविल कोर्ट में भी

– सदर अनुमंडल पदाधिकारी जय प्रकाश झा से दप्रंस की धारा 144 व 145 के वादों को भी मध्यस्थता केंद्र में भेजने की अपील – एसडीओ के अभिलेखागार से महीनों से नहीं भेजी जा रही हैं फाइलें – मध्यस्थता केंद्र की उपलब्धियां 70 फीसदी सफलता की ओर लातेहार : व्यवहार न्यायालय लातेहार में जिला विधिक […]

– सदर अनुमंडल पदाधिकारी जय प्रकाश झा से दप्रंस की धारा 144 व 145 के वादों को भी मध्यस्थता केंद्र में भेजने की अपील

– एसडीओ के अभिलेखागार से महीनों से नहीं भेजी जा रही हैं फाइलें

– मध्यस्थता केंद्र की उपलब्धियां 70 फीसदी सफलता की ओर

लातेहार : व्यवहार न्यायालय लातेहार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय पैनल लायर ट्रेनिंग प्रोग्राम के दूसरे दिन मध्ययस्थता जागरूकता पर बल दिया गया. मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विष्णुकांत सहाय ने उपस्थित अधिवक्ताओं, रेवन्यू एवं पुलिस अधिकारियों को मध्यस्थता की महत्ता से अवगत कराया. उन्‍होंने कहा कि देश का सर्वाधिक चर्चित बाबरी मस्जिद-राम मंदिर प्रकरण को मध्यस्थता केंद्र में भेजा गया है तो इसकी महत्ता अब किसी से छिपी हुई नहीं है.

सेमिनार में रेवेन्यू एवं पुलिस के अधिकारियों ने कई कानूनों पर सवाल किया जिसका श्री सहाय ने बहुत ही सरलता से जवाब दिया और उनकी जिज्ञासा शांत की. हाल सर्वे में गड़बड़ी का मामला वरीय अधिवक्ता नागेंद्र प्रसाद गुप्ता ने उठाते हुए कहा कि आज यह जिले की सबसे बड़ी समस्या बन गयी है.

इस पर श्री सहाय ने कहा कि सीएनटी की धारा 87 की सुनवाई के उपरांत इसका समाधान सिविल कोर्ट में भी वाद ला कर किया जा सकता है. प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राशिकेष कुमार ने कहा कि मध्यस्थता की आदि काल से महत्वपूर्ण रहा है और अब न्यायालय में भी इसकी जरूरत हो रही है और यह सफल भी हो रहा है.

द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पांडेय ने कहा कि समाज में मामलों को निपटाने का प्रयास करना ही मध्यस्थता है. सिविल कोर्ट के प्रशिक्षित मध्यस्थ वरीय अधिवक्ता संजय कुमार ने कहा कि पक्षकारों को सुलह के बिंदु पर तैंयार कराने में मध्यस्थ की भूमिका अहम होती है. प्रशिक्षित मध्यस्थ वरीय अधिवक्ता अरविंद नाथ शाहदेव ने कहा कि मामूली बातों पर भी झगड़ा बड़ा रूप ले लेता है, जिसमें मध्यस्थ की भूमिका अहम होती है.

दप्रंस की धारा 144 व 145 के मुकदमे भी पेश हो

सेमिनार में शामिल सदर अनुमंडल पदाधिकारी जय प्रकाश झा से न्यायिक अधिकारियों ने दप्रंस की धारा 144 एव 145 के मामलो को भी मध्यस्थता केंद्र में भेजने की अपील किया है. जिस पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सहाय ने इसे कारगर बताया. उन्होने कहा कि दीवानी मामलों की जड़ तो 145 व 145 दप्रसं की मामले ही होते हैं.

अभिलेखागार से रिकार्ड मांगने की अपील

वरीय अधिवक्ता सुनील कुमार ने सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्री के अभिलेखागार में जमा अभिलेखों को व्यवहार न्यायालय में मांग के अनुसार शीघ्र भेजने की अपील की है. श्री सहाय ने इसे गंभीरता से लेने का निर्देश एसडीओ श्री झा को दिया है. मंच का संचालन प्राधिकार की सचिव अर्चना कुमारी ने करते हुए कहा कि जिले में एक सौ पीएलवी की नियुक्ति की गयी है. जो मामलों को डोर टू डोर जा कर निपटाने का काम कर रहे है.

श्रीमती कुमारी ने कहा कि जिले का 70 फीसदी मध्यस्थता के मामलों का निपटारा हो चुका है. सेमिनार में मुख्य रूप से अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पियुष श्रीवास्तव, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रभारी न्यायाधीश सह प्रधान दंडाधिकारी जेजे बोर्ड कमला कुमारी, प्रशिक्षु न्यायाधीश राहुल कुमार, मिथिलेश कुमार, सदर एसडीओ जय प्रकाश झा, अंचलाधिकारी हरीश कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रवण राम, प्रीति किस्कू, गणेश रजक, थाना प्रभारी नरेश कुमार, सनोज कुमार, प्रभाकर मुंडा, फगुनी पासवान समेंत जिले के कई बीडीओ, सीओ, थाना प्रभारी व पुलिस निरीक्षक के अलावा अधिवक्ता नागेंद्र प्रसाद गुप्ता, समशुल कमर खां, सबिता साहु, संजय कुमार, पंकज कुमार, अनिल कुमार, लाल अरविंद नाथ शाहदेव, प्रदीप नाथ शाहदेव, बासुदेव पांडेय, नरोत्तम पांडेय, सबिता साहु, अरविंद गुप्ता, वीणा सिन्हा, संजय अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता व पीएलवी उपस्थित थे. धन्यवाद सचिव अर्चना कुमारी ने किया.

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