पूर्णिया : स्थानीय कला भवन में अजीत कुमार सिंह बप्पा द्वारा निर्देशित नाटक महुआ घटवारिन की प्रस्तुति की गयी.महुआ घटवारिन कोसी क्षेत्र की चर्चित लोककथा है.
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महुआ घटवारिन नाटक की सफल प्रस्तुति
पूर्णिया : स्थानीय कला भवन में अजीत कुमार सिंह बप्पा द्वारा निर्देशित नाटक महुआ घटवारिन की प्रस्तुति की गयी.महुआ घटवारिन कोसी क्षेत्र की चर्चित लोककथा है. महुआ एक ऐसी कन्या है, जिसके माध्यम से हमें पता चलता है कि नारी अत्याचार हमारे समाज में कोई नयी बात नहीं है बल्कि पूर्व से ही चली आ […]
महुआ एक ऐसी कन्या है, जिसके माध्यम से हमें पता चलता है कि नारी अत्याचार हमारे समाज में कोई नयी बात नहीं है बल्कि पूर्व से ही चली आ रही है. इसमें यह दर्शाया गया है कि किस कदर महुआ की सौतेली मां उससे लाड़ प्यार जताते हुए भी उसके प्रति भेद रखती है और उसका नाम मिटाना चाहती है.
लोक कथा के माध्यम से नारी शक्ति को आज भी परिभाषित करने का सबसे अच्छा जरिया माना जा सकता है. शायद यही कारण है कि भारतीय रंगमंच में लोक गाथा के रूप में और लोक नाटक के रूप में महुआ घटवारिन काफी प्रचलित रहा. महुआ घटवारिन के पात्रों को जी रही थी चंदन ज्योति सिंपी यानी ममता राज श्रीवास्तव.
आदिति, श्वेता स्वराज, खुशी, अभिनव, कृष्णा, सूरज, चंदन कुमार यादव, प्रिंस, मनीष, पिंकू, सूरज कुमार दास, मनजीत राज, रोहित कुमार पासवान इत्यादि कलाकारों ने अपनी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय कर अच्छी प्रस्तुति दी. इस मौके पर मुख्य अतिथि भोलानाथ आलोक, कवि भगवान प्रलय, वरिष्ठ रंगकर्मी विश्वजीत कुमार सिंह छोटू, वरिष्ठ रंगकर्मी कुंदन सिंह, गोविंद कुमार मौजूद थे.
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