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केरल की डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी विन-विन एपलायसेंज कर रही थी मुनाफाखोरी, एनएए ने पाया दोषी

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण (एनएए) ने केरल की वितरक कंपनी विन-विन एपलायसेंज को 32,926 रुपये की मुनाफाखोरी का दोषी पाया है. कंपनी को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने के कारण यह लाभ हुआ है. मुनाफाखोरी को लेकर केरल राज्य निगरानी समिति के पास विन […]

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण (एनएए) ने केरल की वितरक कंपनी विन-विन एपलायसेंज को 32,926 रुपये की मुनाफाखोरी का दोषी पाया है. कंपनी को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने के कारण यह लाभ हुआ है. मुनाफाखोरी को लेकर केरल राज्य निगरानी समिति के पास विन विन एपलायसेंस के खिलाफ शिकायत की गयी थी.

शिकायत में कहा गया था कंपनी ने मिक्सर ग्राइंडर पर 15 नवंबर, 2017 से प्रभावी जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किये जाने का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया. प्रतिवादी ने अपने बचाव में कहा कि वह उत्पाद की वितरक है, जिसे ब्रांड ‘बटरफ्लाई’ नाम के अंतर्गत बेचा जाता है. वितरक इकाई ने कहा कि वह उत्पाद की बिक्री मेसर्स बटरफ्लाई, गांधीमठी एपलायसेंज लिमिटेड द्वारा तय कीमत पर करती है.

जांच के दौरान मुनाफाखोरी निरोधक महानिदेशालय ने पाया कि विन-विन एपलायसेंज ने जीएसटी दर घटकर 12 फीसदी होने पर उत्पाद का आधार मूल्य बढ़ा दिया और इस प्रकार कर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देकर मुनाफाखोरी की. राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण (एनएए) ने अपने आदेश में कहा कि विन-विन एपलायसेंस ने 15 नवंबर, 2017 से 31 जुलाई, 2018 के बीच जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया और 32,926.36 रुपये का मुनाफा कमाया.

एनएए के आदेश में कहा गया है कि वितरण कंपनी को 18 फीसदी ब्याज के साथ मुनाफे की 32,926.36 रुपये की रकम को जमा करने का निर्देश दिया जाता है. प्राधिकरण ने यह भी पूछा है कि गलत बिल देने को लेकर आखिर कंपनी पर क्यों नहीं जुर्माना लगाया जाना चाहिए.

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