हाल ही में यूनेस्को द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट और अध्ययन के तौर पर यह कहा गया है कि पर्यावरण के वैश्विक क्षरण, जलवायु परिवर्तन, बढ़ते तापमान जैसे संकट पूरी पृथ्वी के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं.
पृथ्वी पर 70% जल है, परंतु पीने योग्य महज 2% ही उपलब्ध है. बढ़ती जनसंख्या उस प्रतिशत को और कम करती जा रही है. एक दिन ऐसा आयेगा जब हम पानी के लिए पूर्ण रूप से बाजारों पर निर्भर हो जायेंगे. देश में बढ़ता प्रदूषण भूमंडलीय तापक्रम में वृद्धि का मुख्य कारण है, जिसके कारण समय पर बारिश नहीं हो पाती है.
सत्ता पक्ष और विपक्ष जो देश को मजबूत करने का दायित्व लोकतंत्र से प्राप्त करते हैं, वह इस महत्वपूर्ण समस्या का समाधान नहीं तलाशते. सरकार को चाहिए कि एक मजबूत जल संरक्षण नीति तैयार करे, ताकि कुछ हद तक पर्यावरण में सुधार लाया जा सके.
अभिनव कुमार, लोहिया नगर (बेगूसराय)