नयी दिल्ली : राहुल गांधी द्वारा सरकार में आने के बाद ‘न्यूनतम आय गारंटी’ योजना लागू करने की घोषणा पर राजनीति तेज हो गयी है. इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस में वाकयुद्ध शुरू हो गयी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे जनता से बड़ा धोखा करार देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास गरीबी हटाने का नहीं बल्कि योजनाओं के नाम पर छल कपट का रहा है और देश के गरीब विपक्षी पार्टी के ‘छल कपट’ में नहीं आयेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो वादा कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से उससे ज्यादा गरीबों को दे रहे हैं.
इधर कांग्रेस ने पूछा कि जेटली बताएं कि वह गरीब को 72 हजार रुपये देने का समर्थन करते हैं या विरोध. गरीबों को वार्षिक 72 हजार रुपये देने के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनावी वादे को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि जेटली यह स्पष्ट करें कि क्या वह इस प्रस्तावित योजना का समर्थन करते हैं या विरोध करते हैं.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि पूंजीपतियों के तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक माफ करने वाली मोदी सरकार को राहुल गांधी की इस घोषणा से पेट मे दर्द हो रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, प्रिय वित्त मंत्री जी, हमने देश के पांच करोड़ सबसे गरीब परिवारों के लिए न्याय की घोषणा की. आप इसका समर्थन करते हैं या विरोध? उन्होंने कहा, उम्मीद है आप सीधा जवाब देंगे.
इधर जेटली ने संवाददाताओं से कहा, नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों द्वारा 5.34 लाख करोड़ रुपये दिया जा रहा है. गांधी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद देश के सबसे अधिक गरीब 5 करोड़ गरीब परिवारों को न्यूनतम आय गारंटी के तहत सालाना 72,000 रुपये देगी. इस पर जेटली कहा कि आज केंद्र सरकार 55 विभागों की योजनाओं के लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से बैंक के खाते में सीधे लाभ दे रही है.
इसके अलावा अलग-अलग योजनाओं में 1.8 लाख करोड़ रुपये किसानों के खातें में पहुंचा रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना के 75 हजार करोड़ रुपये प्रति वर्ष, उवर्रक के मद में सब्सिडी की राशि, स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में 20 हजार करोड़ रुपये, सामाजिक क्षेत्र में दी जाने वाली राशि, उज्जवला योजना, शौचालय योजना आदि को जोड़ लें तब यह राशि और अधिक हो जाती है.
कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए जेटली ने कहा, कांग्रेस का इतिहास गरीबी और गरीबी हटाने के नाम पर राजनीतिक व्यवसाय का रहा है. उनका इतिहास गरीबी हटाने का नहीं रहा है, बल्कि योजनाओं के नाम पर छल कपट का रहा है. जेटली ने कि नेहरु मॉडल से आर्थिक वृद्धि धीमी हुई.
इंदिरा गांधी ने 1971 में गरीबी हटाओ का नारा दिया. इससे गरीबी घटने के बजाय बढ़ी.वित्त मंत्री ने इस संदर्भ में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के गरीबी हटाओ नारे के साथ राजीव गांधी तथा संप्रग के 10 वर्षो के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा, कांग्रेस के कार्यकाल में छल-कपट, धोखा होता रहा है.