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पटना : शौचालय में भी खड़ा होने की जगह नहीं

सफर नहीं रहा सुहाना. ट्रेनों में कोच स्लीपर, लेकिन हालत जनरल से भी खराब दिल्ली व अमृतसर जाने वाली ट्रेनों में दिखी यात्रियों की भारी भीड़ पटना : दरभंगा जिले के रहने वाले ललितेश्वर कुमार दिल्ली के निजी कंपनी में काम करते हैं, जिन्हें सोमवार से ड्यूटी ज्वाइन करनी है. होली में आने-जाने को लेकर […]

सफर नहीं रहा सुहाना. ट्रेनों में कोच स्लीपर, लेकिन हालत जनरल से भी खराब
दिल्ली व अमृतसर जाने वाली ट्रेनों में दिखी यात्रियों की भारी भीड़
पटना : दरभंगा जिले के रहने वाले ललितेश्वर कुमार दिल्ली के निजी कंपनी में काम करते हैं, जिन्हें सोमवार से ड्यूटी ज्वाइन करनी है. होली में आने-जाने को लेकर दो माह पहले वेटिंग टिकट विक्रमशिला एक्सप्रेस में बुक कराया, लेकिन टिकट कंफर्म नहीं हो सका. रविवार को विक्रमशिला एक्सप्रेस पकड़ने के लिए शाम चार बजे जंक्शन पहुंच गये थे.
विक्रमशिला एक्सप्रेस 4:45 बजे प्लेटफॉर्म-चार पर पहुंची, तो स्लीपर कोच में जगह खोज रहे थे. किसी तरह स्लीपर कोच के एस-4 में चढ़ गये. लेकिन, बैठने की जगह नहीं मिली. ललितेश्वर ने बताया कि सोमवार को हर हाल में दिल्ली पहुंचना है. इसलिए किसी भी तरह जाने को मजबूर हैं. ललितेश्वर जैसे विक्रमशिला एक्सप्रेस में ही करीब चार सौ ऐसे यात्री थे, जो वेटिंग टिकट लेकर सफर करने को मजबूर थे. यही स्थिति संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस और अमृतसर जाने वाली अकालतख्त एक्सप्रेस में भी दिखी. इन ट्रेनों के स्लीपर कोच जनरल कोच में तब्दील दिख रहे थे.
कोच इंडिकेटर नहीं कर रहा था काम
जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या-चार पर 4:45 बजे विक्रमशिला एक्सप्रेस पहुंची. विक्रमशिला एक्सप्रेस के आगमन के समय प्लेटफॉर्म पर लगा कोच इंडिकेटर काम नहीं कर रहा था. इससे स्लीपर व एसी कोच के यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. यात्री आगे से पीछे व पीछे से आगे कोच में चढ़ने को भाग रहे थे.
यार्ड में ही सवार हो गये थे जनरल कोच के यात्री
संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस राजेंद्र नगर टर्मिनल से खुलती है. इस ट्रेन में चार जनरल कोच हैं. इन कोचों के यात्री राजेंद्र नगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स यानी यार्ड में ही पहुंच गये और किसी तरह गेट खोल कर सीट पर कब्जा जमा लिया. ट्रेन राजेंद्र नगर के प्लेटफॉर्म पर लगी, तो एक व्यक्ति के बैठने वाले सीट पर तीन-तीन लोग बैठ गये. 5:50 बजे पटना जंक्शन संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस पहुंची, तो जनरल कोच में यात्रियों को चढ़ना मुश्किल था.
गेट पर पैर रखने की जगह नहीं थी. मजबूरन यात्री इमरजेंसी खिड़की से सवार हो रहे थे. मोतिहारी के रहने वाले उमेश राय ने बताया कि पहले से जानकारी थी कि यार्ड में पहुंचने से जगह मिल जायेगी, तो वहीं जा कर सीट पर बैठ गये. उमेश के साथ तीन लोग और बैठे थे, जिन्हें किसी तरह दिल्ली पहुंचना था. यही स्थिति दिल्ली जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस, संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस के जनरल कोच के शौचालय में भी यात्री खड़े थे.
ज्यादातर उड़ानें रहीं फुल, छह हजार लोगों ने की हवाई यात्रा
पटना : रविवार को पटना से जानेवाली ज्यादातर उड़ानें फुल रही. आम तौर पर साढ़े चार से पांच हजार यात्री पटना एयरपोर्ट से अलग अलग शहरों के लिए हर दिन उड़ान भरते हैं, लेकिन रविवार को यह संख्या छह हजार को पार कर गयी. इसकी वजह होली के बाद लौटने वालों की भीड़ थी. सोमवार से ज्यादातर लोगों की छुट्टियां खत्म होने की वजह से पिछले दो दिनों की तुलना में भीड़ अधिक थी. होेली बाद वापसी का किराया भी रविवार को सर्वाधिक ऊंचा था और यह सामान्य से दो से 10 गुना तक अधिक था.
दर्शक बने थे आरपीएफ के जवान
जनरल कोच में सवार होने के लिए यात्रियों के बीच अफरा-तफरी का माहौल नहीं बने, इसको लेकर जनरल कोच के समीप दो आरपीएफ जवान तैनात किये गये थे. लेकिन, भीड़ के बीच आरपीएफ जवान सिर्फ दर्शक बन कर रह गये. प्लेटफॉर्म संख्या-चार पर शाम चार बजे अकालतख्त एक्सप्रेस, 4:45 बजे विक्रमशिला एक्सप्रेस और 5:50 बजे संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म संख्या-दो पर मगध एक्सप्रेस पहुंची. इन सभी ट्रेनों के जनरल कोच में चढ़ने केलिए यात्रियों के बीच मारामारी हो रही थी. इसके बावजूद ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ जवान हाथ पर हाथ रख खड़े थे.

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