नयी दिल्ली : जर्मनी की वाहन समाधान प्रदाता कंपनी वंडर मोबिलिटी ने देश में गाड़ियों की वजह से बढ़ते प्रदूषण से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सार्वजनिक वाहनों और ‘कार पूलिंग’ की वकालत की है. भारत में दुनिया के 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से सात के होने के बीच कंपनी ने यह बात कही है. कंपनी ने देश में विस्तार के लिए आक्रमक रणनीति बनायी है.
इसकी शुरुआत वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से कर सकती है. साथ ही कंपनी ने केंद्र तथा राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना शुरू किया है. एक अनुमान के अनुसार, देश में कार्बन उत्सर्जन में वाहनों के प्रदूषण का योगदान करीब 11 प्रतिशत है. यह वायु प्रदूषण का प्रमुख कारणों में से एक है.
वंडर के भारत में विपणन प्रबंधक विवेक कुमार ने कहा कि दिल्ली में पिछले साल उसकी सेवा के उपयोगकर्ताओं की संख्या 3,00,000 रही. कंपनी लागत को अनुकूलतम बनाकर तथा आय सृजन के जरिये इस साल कार पूलिंग को शुद्ध रूप से व्यापार मॉडल बनाने पर विचार कर रही है.
उन्होंने कहा कि कंपनी फिलहाल बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) और बीटूसी (बिजनेस टू कंज्यूमर) दोनों पर ध्यान दे रही है. इसके लिए वह कंपनियों के साथ गठजोड़ कर रही है और ग्राहकों को सीधे कार पूलिंग के लिए मंच उपलब्ध करा रही है.
इसके साथ कंपनी अब बी2जी (बिजनेस टू गवर्नमेंट) पर भी गौर कर रही है. कुमार ने कहा कि कंपनी कार पूलिंग के लिए अनुकूल माहौल बनाने को लेकर सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना चाहती है. उन्होंने कहा कि इसके तहत वंडर ने नीति आयोग के अधिकारियों के साथ केंद्र एवं राज्य सरकारों के संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मुलाकात की है.
कंपनी इस संदर्भ में प्राधिकरण से समर्थन और नियमन चाहती है. कार पूलिंग के अलावा कंपनी शटल सेवा और बेड़ा सॉफ्टवेयर समाधान उपलब्ध कराती है. कंपनी की इसे आने वाले समय में भारत में पेश करने की योजना है.
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