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रांची के डॉ अर्नव को विलियम डब्ल्यू पामले यंग ऑथर अचीवमेंट अवार्ड, किस हृदय रोगी को कब आयेगा अटैक, इस पर किया रिसर्च

राहुल गुरु रांची : रांची के रहनेवाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अर्नव कुमार को जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (जेएसीसी) ने विलियम डब्ल्यू पामले यंग आॅथर अचीवमेंट अवार्ड (कार्डियोलॉजी का प्रतिष्ठित अवार्ड) से नवाजा है. यह अवार्ड उन्हें कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में संभावना आधारित रिसर्च के लिए प्रदान किया गया है. जेएसीसी के […]

राहुल गुरु
रांची : रांची के रहनेवाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अर्नव कुमार को जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (जेएसीसी) ने विलियम डब्ल्यू पामले यंग आॅथर अचीवमेंट अवार्ड (कार्डियोलॉजी का प्रतिष्ठित अवार्ड) से नवाजा है.
यह अवार्ड उन्हें कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में संभावना आधारित रिसर्च के लिए प्रदान किया गया है. जेएसीसी के पूर्व प्रधान संपादक डॉ विलियम डब्ल्यू पामले के नाम से यह अवार्ड दिया जाता है. डॉ अर्नव झारखंड से संभवत: पहले चिकित्सक हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित अवार्ड प्रदान किया गया है. वैसे लोग जिन्हें स्थायी रूप में कॉर्नरी आर्टरी डिजीज है, वे हार्ट अटैक के डर से ज्यादा ग्रसित होते हैं. ऐसे मरीज को कब हार्ट अटैक आ सकता है, इसे पता लगाने के उपाय उन्होंने अपने रिसर्च में तलाशे हैं.
जेवीएम श्यामली से की है 12वीं की पढ़ाई
डॉ अर्नव कुमार रांची के साउथ ऑफिस पाड़ा के रहने वाले हैं. इनका परिवार भी यहीं रहता है. इन्होंने अपनी स्कूलिंग जेवीएम श्यामली से पूरी की. इसके बाद एआइपीएमटी में सफलता हासिल करने के बाद चेन्नई स्थित गवर्नमेंट स्टेनली मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की.
अर्नव 2011 से इंडिया से बाहर रह रहे हैं. एमबीबीएस करने के बाद टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट, हॉस्टन टेक्सास से रिसर्च फेलो किया. इसके बाद यूनिवर्सिटी अॉफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच, गेल्वस्टन टेक्सास से इंटर्नल मेडिसिन रेजीडेंट के रूप में ट्रेनिंग ली है. साथ ही दो वर्ष का एडवांस्ड कार्डिवैस्क्यूलर इमेजिंग रिसर्च क्लिवलैंड क्लिनिक फाउंडेशन से पूरी कर ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी से मास्टर इन क्लिनिक रिसर्च किया. अर्नव वर्तमान में इमोरी यूनिवर्सिटी (जॉर्जिया) में कार्डियोलॉजी फैलो के रूप में कार्यरत हैं.
क्रिकेट खेलना पसंद है अर्नव को
अर्नव के पिता अरूप कुमार सेन एसबीआइ से सेवानिवृत्त हैं. उनकी मां रिंकी सेन गृहिणी हैं. साथ ही कोरस क्रिएटिव हट के नाम से क्रिएटिव कल्चर क्लब चलाती हैं.इनकी बहन इशा सेन बेंगलुरु की क्राइस्ट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं. पैरेंट्स बताते हैं कि अर्नव को क्रिकेट का काफी शौक रहा है. वह हमेशा कहा करता था कि मुझे क्रिकेट में ही करियर बनाना है. अर्नव जॉर्जिया क्रिकेट कॉन्फ्रेंस लीग के लिए भी क्रिकेट खेलते हैं.
क्या है डॉ अर्नव का रिसर्च
डॉ अर्नव ने अपने रिसर्च द्वारा एक मेजरमेंट इंडेक्स तैयार किया है. यह इंडेक्स एंजियोग्राफी या सिटी स्कैन की रिपोर्ट के आधार पर हृदय रोग के मरीज का मेजरमेंट तैयार करेगा. यह मेजरमेंट पासकल्स PA(फोर्स का एसआइ मात्रक) पर आधारित होगा.
डॉ अर्नव के मुताबिक, जिस हृदय रोग से प्रभावित व्यक्ति का पीए 4.71 से अधिक होगा, उसे भविष्य में हार्ट अटैक होने की पूरी संभावना है. इसी फॉर्मूला पर किसी भी हृदय रोगी के हार्ट अटैक की संभावना को जाना जा सकता है.
भारत को इस इंडेक्स की है जरूरत
डॉ अर्नव ने फोन पर बातचीत में बताया कि भारत में इस इंडेक्स की सर्वाधिक जरूरत है. क्योंकि विश्व के किसी भी दूसरे देश के मुकाबले भारत में हार्ट के मरीजों की संख्या सर्वाधिक है. उन्होंने बताया कि यह रिसर्च पूरी तरह से व्यावहारिक है.
अगर भारत से कोई इसे सीखना चाहता है, तो मैं इसके लिए तैयार हूं. उन्होंने बताया कि इस दिशा में पिछले 15 वर्षों से रिसर्च हो रहा है, जो अब जा कर पूरा हुआ है. उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी कि वे झारखंड से पहले और इंडिया के दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें यह अवार्ड मिला है.

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