लंदन : पंजाब नेशलन बैंक (पीएनबी) के साथ 2 अरब डॉलर की कर्ज धोखाधड़ी मामले में भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी को बुधवार को लंदन पुलिस ने गिरफ्तार कर वेस्टमिन्स्टर कोर्ट में पेश किया. लंदन की इस निचली अदालत ने नीरव की जमानत की अर्जी खारिज करते हुए उसे 29 मार्च तक हिरासत में भेज दिया है. अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि इस बात का पर्याप्त आधार है कि यदि अभियुक्त को जमानत पर छोड़ा गया, तो वह बाद में आत्मसमर्पण के लिए पेश नहीं होगा.
Nirav Modi arrested in London: Next hearing in the case in Westminster court to be held on March 29 before Chief Magistrate pic.twitter.com/LcUumVCaU5
— ANI (@ANI) March 20, 2019
इस घटनाक्रम को नीरव मोदी को पूछताछ के लिए भारत लाने और इसमें शामिल सभी अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भारतीय जांच एजेंसियों के प्रयास में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए लंदन की एक अदालत में अपील की थी. अदालत ने अपील पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था.
स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने एक बयान में कहा कि नीरव दीपक मोदी (जन्मतिथि : 24 फरवरी, 1971) को भारतीय एजेंसियों की तरफ से 19 मार्च को हॉलबार्न नामक स्थान पर गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार अभियुक्त को बुधवार को ही एक निचली अदालत (वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत) में पेश किया जायेगा. नीरव मोदी ने खुद को भारतीय अधिकारियों के हवाले किये जाने का विरोध किया.
अदालत ने सुनवाई के बाद उसकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी. अदालत ने उसे 29 मार्च तक हिरासत में रखे जाने की अनुमति दी है. नीरव मोदी को जहां गिरफ्तार किया गया, उससे इस बात के संकेत मिलते हैं कि नीरव मोदी वेस्ट एंड के सेंटर पाइंट के उसी आलीशान अपार्टमेंट में रह रहा था, जहां उसके होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी.
ऐसा लग रहा है कि उसे प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया है. नीरव मोदी को अदालत में पेश किये जाने के बाद इस बारे में स्थिति स्पष्ट होगी. नीरव मोदी को अदालत में पेश किये जाने के बाद औपचारिक तौर पर उसके खिलाफ आरोप तय किये जायेंगे. इसके बाद वह जमानत की अपील कर सकता है. बाद में इस मामले में भी ब्रिटेन की अदालत की उन्हीं प्रक्रियाओं का दोहराव होगा, जो धोखाधड़ी एवं मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अप्रैल, 2017 में विजय माल्या की गिरफ्तारी के बाद हुआ है. माल्या उसके बाद से जमानत पर है.