दुमका : कानून का डंडा पहली बार उपराजधानी दुमका में उन डीजे वाले बाबुओं पर चला है, जो रात को 10 बजे के बाद कानफोड़ू आवाज में विभिन्न आयोजनों के दौरान गाना बजा रहे थे और आस-पड़ोस में रहने वालों के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों की पढ़ाई में खलल डाल रहे थे.
ऐसे दो डीजे ऑपरेटरों को और उन डीजे ऑपरेटरों से गाना बजवाने वाले घर के मालिक पर कड़ी कार्रवाई करते हुए दुमका की एक अदालत ने 7 दिनों के अंदर फैसला सुनाया है.कोर्ट ने आरोपियों को नकद जुर्माना लगाने के साथ-साथ जेल की हवा भी खिलायी है. अदालत में जब इन दो डीजे वाले बाबुओं की ओर से उनके अधिवक्ता ने यह दलील रखी कि उनके मुवक्किल अपना दोष स्वीकार करते हैं और भादवी की धारा 290 एवं बिहार कंट्रोल ऑफ यूज एंड प्ले लाउडस्पीकर एक्ट की धारा 9 के तहत 100 रुपये जुर्माना भरने के लिए तैयार हैं.ऐसे में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि केवल 100 जुर्माना भरना ही इस अपराध के लिए काफी नहीं है. बल्कि इसके साथ एक माह की सजा का भी प्रावधान है.
न्यायालय ने रात दस बजे के बाद डीजे बजाने और बजवाने वाले उन चारों आरोपियों से पूछा कि वे जानते थे कि नहीं कि इस अवधि के बाद डीजे बजाने की मनाही है. ऐसे कृत्य में उन्हें सजा भी हो सकती है?आरोपियों ने कहा कि उन्हें मालूम है कि इसमें सजा का प्रावधान है, जिसके बाद न्यायालय ने सभी चारों आरोपियों को 7-7 दिन की सजा सुनायी और 100-100 रुपये जुर्माना भी ठोका. जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त 7-7 दिनों की सजा भुगतना पड़ेगा.
* क्या था मामला?
12 मार्च को नगर थाना पुलिस तक शिकायत पहुंची थी कि शादी समारोह में निर्धारित से अधिक आवाज में डीजे बजाया जा रहा है. एसपी के निर्देश पर नगर थाना की पुलिस ने दो डीजे वालों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए डीजे जब्त कर लिया था. शादी स्थल से दो डीजे के साथ तीन लोग हीरू केवट, रवि कुमार, महिपाल यादव एवं गणेश राय को भी हिरासत में लिया गया.
हालांकि युवकों को थाने से छोड़ दिया गया था और डीजे जब्त कर लिया गया. आदर्श चुनाव आचार संहिता तथा अत्यधिक शोर मचाने के मामले में पहले तो पुलिस ने डंगालपाड़ा और लखीकुंडी में थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार के नेतृत्व में कार्रवाई की थी.