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उड़ती रहती है धूल, एनएच 107 से ग्रामीण सड़क ही भली, हाइवे से उड़ने वाली धूल से बीमार हो रहे लोग

मधेपुरा : मधेपुरा-सहरसा को जोड़ने वाले एनएच 107 की हालत जर्जर है. मधेपुरा में जान को जोखिम में डाल कर लोग इस पर सफर करते हैं. इतना ही नहीं इसके किनारे रहने वाले लोग हाइवे से उड़ने वाली धूल से बीमार हो रहे हैं. मधेपुरा होते हुए सहरसा की सीमा तक एनएच 107 की हालत […]

मधेपुरा : मधेपुरा-सहरसा को जोड़ने वाले एनएच 107 की हालत जर्जर है. मधेपुरा में जान को जोखिम में डाल कर लोग इस पर सफर करते हैं. इतना ही नहीं इसके किनारे रहने वाले लोग हाइवे से उड़ने वाली धूल से बीमार हो रहे हैं. मधेपुरा होते हुए सहरसा की सीमा तक एनएच 107 की हालत पूरी तरह से जर्जर है.
हाइवे में जगह-जगह पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. धूल से इस पर चलना मुश्किल होता है, लेकिन मुसाफिर जान जोखिम में डाल कर इस पर सफर करते हैं. अचरज की बात यह है कि पिछले चार साल से किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं गया.
इससे स्थानीय लोग खासे नाराज हैं. लोगों का कहना है कि इस हाइवे पर जान जोखिम में डाल कर वे चलने को मजबूर हैं. कई बार आंदोलन करने के बाद भी प्रशासन के कान में जू तक नहीं रेंगा. यह हाइवे बिहार को नेपाल से भी आपस में जोड़ता है.
इसलिए इस सड़क से रोज हजारों बड़े-छोटे वाहन गुजरते हैं. इससे उड़ने वाले धूल से छोटे वाहन हो या फिर मोटरसाइकिल सवार, उन्हें चलना मुश्किल हो रहा है. वहीं इसके किनारे बसे परिवारों को धूल के कारण सांस की बीमारी हो रही है.
स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है धूल: नेशनल हाइवे (एनएच)-107 पर उड़ती धूल से लोग काफी परेशान हैं. धूल उड़ने से हाइवे पर कुछ देर के लिए अंधेरा छा जाता है. तेज धूप में वाहनों की आवाजाही से धूल उड़ती है.
खासकर दोपहिया वाहन चालकों को धूल से काफी परेशानी उठानी पड़ती है. हाइवे पर उड़ती धूल लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा दुष्प्रभाव पड़ रहा है. सड़क किनारे के दुकानदार, घरों में रहने वाले लोग काफी परेशान हैं.
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि टू लेन निर्माण के लिए महीनों पूर्व से घोषणा की जा रही है. लेकिन इंतजार में जर्जर सड़क की मिट्टी ने अब धूल का रूप ले लिया है. पानी भी कभी नहीं डाला जाता है. बड़े-बड़े वाहनों के गुजरने से धूल उड़ती है. एनएच की जर्जरता भी धूल उड़ने का एक कारण है. बारिश होने पर धूल से राहत मिलती है.
दुकानों में लगी है प्लास्टिक: हाइवे पर उड़ती धूल से बचने के लिए कई दुकानदारों ने अपने दुकान को प्लास्टिक लगा कर घेर दिया है. ताकि धूल अंदर नहीं आ सके और वे सभी सुरक्षित रहें. धूल उड़ने से काफी परेशानी होती है. धूल के कारण एनएच पर जाम भी लग जाता है. दुर्घटनाएं भी होती हैं.
गर्मी के दिनों में धूल और भी ज्यादा उड़ती है. उड़ती धूल के कारण वाहन चलाने में काफी परेशानी होती है. एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है. प्रशासन को इस पर पहल करनी चाहिए.
बेखबर है प्रशासन: हाइवे पर उड़ती धूल से स्वास्थ्य खराब होने का खतरा बना रहता है. धूल के कारण ही सड़क पर कई दुर्घनाएं होती है. धूल से दुकान में बैठना मुश्किल हो जाता है. प्रशासन की भी नजर इस ओर नहीं है. रोजाना कई लोग धूल से बीमार हो रहे हैं.
एनएच पर बन गये हैं जानलेवा गड्ढे
एनएच 107 पर सबैला, मिठाई व चकला के आस-पास कई जानलेवा गड्ढे हैं. इससे हमेशा सड़क पर दुर्घटना होती रहती है. अगर इसमें सुधार नहीं किया गया तो कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है.
एनएच किनारे भी बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं. डॉक्टरों ने बताया कि धूल से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं. धूल फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है. धूल के फेफड़े में जाने से दमघोंटू रोग होते हैं. दमा सहित अन्य रोग भी धूल से होते हैं.

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