मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में एक अदालत ने तीन वर्ष पूर्व होली के मौके पर हो रहे नाच-गाने के दौरान दो पक्षों में झगड़ा होने पर एक युवक की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा एवं अलग-अलग धाराओं में कुल 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (सप्तम) के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मदन मोहन उपाध्याय ने बताया, यह मामला वृंदावन थाना क्षेत्र की जैंत रिपोर्टिंग पुलिस चौकी क्षेत्र का है. जहां आजाद सिंह ने 25 मार्च, 2016 अपने 26 वर्षीय पुत्र राजकुमार की गुमशुदगी दर्ज करायी थी.
उन्होंने बताया, दो दिन बाद पता चला कि चौमुहां के दो युवकों ने 24 मार्च को राजकुमार को जैंत निवासी चंद्रपाल सिंह व संजय आदि के साथ चौमुहां बस अड्डे पर देखा था. पुलिस ने उन दोनों को गिरफ्त में लेकर पूछताछ की, तो उन्होंने ना-नुकुर के बाद पूरी कहानी बयां कर दी.
इसके अनुसार, पता चला कि घटना से दो-तीन दिन पूर्व जब जैंत में होली के उपलक्ष्य में हो रहे नाच-गाने में राजकुमार ने चंद्रपाल को बेइज्जत करते हुए डीजे पर नाचने से रोक दिया, तो उन्हें बहुत बुरा लगा. इस घटना के बाद ही सबक सिखाने के इरादे से उसे बहका कर साथ ले जाया गया और एकांत में हत्या कर शव चंद्रभान के खेत में छिपा दिया गया.
पुलिस ने शव तथा घटना से जुड़े सभी साक्ष्य जमाकर दोनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी, जहां पता चला कि संजय उस दौरान नाबालिग था. इसलिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसकी पत्रावली अलग कर किशोर न्यायालय भिजवा दी तथा पूरा मामला सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय स्थानांतरित कर दिया.
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरविंद्र सिंह ने दोनों पक्षों के गवाह तथा साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाते हुए हत्यारोपी चंद्रपाल सिंह को दोषी करार देकर आजीवन कारावास तथा बीस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी. साक्ष्य मिटाने के लिए भादवि की धारा 201 के तहत पांच साल का साधारण कारावास व पांच हजार के जुर्माने की सजा सुनायी.
सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. जज ने मृतक राजकुमार के पिता आजाद सिंह को प्रतिपूर्ति हेतु 10 हजार रुपये अभियुक्त द्वारा जमा की जाने वाली राशि में से प्रदान किये जाने के भी आदेश दिये हैं.