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गर्मी बढ़ते ही बढ़ा मच्छरों का आतंक

मुंगेर : मार्च का महीना आरंभ होते ही शहर से लेकर गांव तक मच्छरों का प्रकोप व्यापक पैमाने पर बढ़ गया है़ मच्छरों के बढ़ते आतंक से जहां आम जन खासे परेशान हैं, वहीं विभागीय पदाधिकारी व कर्मचारी अपने दफ्तर में बैठ कर शायद मक्खी मार रहे हैं. विभागीय बाबुओं का कहना है कि मच्छरों […]

मुंगेर : मार्च का महीना आरंभ होते ही शहर से लेकर गांव तक मच्छरों का प्रकोप व्यापक पैमाने पर बढ़ गया है़ मच्छरों के बढ़ते आतंक से जहां आम जन खासे परेशान हैं, वहीं विभागीय पदाधिकारी व कर्मचारी अपने दफ्तर में बैठ कर शायद मक्खी मार रहे हैं. विभागीय बाबुओं का कहना है कि मच्छरों के रोकथाम के लिए सरकारी स्तर पर कोई प्रावधान ही नहीं है़

यदि मच्छरों के आतंक से कोई बीमार होता है तो उसका इलाज किया जायेगा तथा बीमारी के आधार पर संबंधित क्षेत्र में दवा छिड़काव के बारे में विचार किया जायेगा़ इससे साफ है कि विभाग इंतजार कर रही है कि लोग मच्छरों के काटने से बीमार हों.
मच्छर के आतंक से परेशानी
पिछले एक पखवारे से शहर से गांव तक मच्छरों का आतंक व्यापक पैमाने पर फैला हुआ है़ जो कि आम जनों के लिए परेशानियों का सबब बन चुका है़ रात तो रात, दिन में भी मच्छर लोगों का खून चूसने से परेहेज नहीं कर रहा है़ हाल यह है कि अपने घर के भीतर भी चैन से नहीं बैठ पा रहे हैं.
वहीं मच्छरों के भनभनाहट में बच्चों को पढ़ाई करने में भी काफी बाधित होना पड़ रहा है़ वहीं लोगों को मच्छरों के बढ़ते प्रकोप के कारण मलेरिया, डेंगू, चिगकनगुनिया, कालाजार सहित अन्य प्रकार की संक्रामक बीमारियों की भी चिंता सताने लगी है़
विभाग बना है उदासीन
एक ओर जहां मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से लोगों की परेशानी लगातार बढ़ते जा रही है़ वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम प्रशासन मौन पड़ी हुई है.
मच्छरों के रोकथाम के लिए न तो शहरी क्षेत्र में फॉगिंग की जा रही है और न ही ग्रामीण क्षेत्रों में ही दवा का छिड़काव करवाया जा रहा है़ ऐसा प्रतीत होता है कि विभागीय पदाधिकारी तथा कर्मचारी लोगों के संक्रामक बीमारी के शिकार होने का इंतजार कर रहे हैं.
हाल यह है कि लोग मच्छरों के आतंक से काफी दहशत में हैं. मच्छरों के रोकथाम के लिए क्वायल व लिक्विड भी अब प्रभावकारी साबित नहीं हो पा रहा है़ ऐसे में लोगों को अब खुद से बचाव के रास्ते तलाशने की जरूत है़
कहते हैं पदाधिकारी
मलेरिया इंस्पेक्टर संजय विश्वकर्मा ने कहा कि शहरी क्षेत्र में नगर निगम द्वारा फॉगिंग करवाया जाता है तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मच्छरों के रोकथाम का कोई प्रावधान नहीं है़ छिड़काव को लेकर फिलहाल कोई योजना नहीं है.
कहते हैं उप नगर आयुक्त
उप नगर आयुक्त श्यामनंद प्रसाद ने कहा कि फागिंग के लिए निगम में दो वाहन उपलब्ध है. जिनमें से एक खराब हो गयी, जिसे मरम्मत के लिए भेजा गया है. एक दो दिनों में वाहन मरम्मत होकर वापस आ जायेगा, फिर शहरी क्षेत्र में फागिंग करवायी जायेगी.
चिह्नित इलाकों में भी आरंभ नहीं हुआ है दवा का छिड़काव
मलेरिया विभाग द्वारा जिले के कुल छह प्रखंड को कालाजार से प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है़ जिसमें मुंगेर सदर, जमालपुर, धरहरा, हवेली खड़गपुर, बरियारपुर तथा टेटियाबम्बर प्रखंड शामिल है़
इन छह प्रखंडों के कुल 37 गांव ऐसे हैं, जहां पूर्व में कालाजार के मरीज पाये गये हैं. ऐसे में जब मच्छरों का प्रकोप एक बार फिर बढ़ चुका, बावजूद विभाग उदासीन बनी हुई है़
कहीं ऐसा न हो कि विभाग उदासीन बनी रह जाये तथा चिह्नित इलाकों से मरीजों के आने का सिलसिला आरंभ हो जाये़ मच्छरों से बचाव के लिए करें ये उपाय : पूरा शरीर ढकने वाला कपड़ा पहनें. सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. आस-पड़ोस के गड्ढों व में पानी जमा न होने दें.नाले व गड्ढों में जमे पानी के ऊपर केरोसिन या डीजल का छिड़काव करें. कूलर व फ्रीज के पानी को एक सप्ताह के भीतर बदल दें.

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