नयी दिल्ली : भारत अपनी सीमा पर दुश्मनों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा. इस बात के संकेत लगातार मिल रहे हैं. एक खबर म्यांमार सीमा से भी आ रही है. जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय सेना ने अब म्यांमार सीमा पर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है.
बताया जा रहा है कि म्यामांर सेना के साथ मिलकर भारतीय सुरक्षा बलों ने संयुक्त ऑपरेशन में दहशतगर्दों के कई ऑपरेटिंग बेस और कैंपों को तबाह करने का काम किया. इन कैंपों की बात करें तो ये क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा थे जिन्हें खुफिया रिपोर्ट के आधार पर तबाह किया गया. इस कार्रवाई का नाम ‘ऑपरेशन सनराइज’ दिया गया था.
दहशतगर्द संगठनों के ये कैंप कलादान ट्रांजिट प्रॉजेक्ट को खतरा पहुंचा सकते थे. यह प्रॉजेक्ट कोलकाता से म्यांमार के रखाइन स्टेट को जोड़ने के लिए है. खासकर पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी में यह अहम भूमिका निभाता है. सैन्य सूत्रों की मानें तो म्यांमार सेना जनवरी से ही दहशतगर्दी समूहों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी. म्यांमार सेना की इस कार्रवाई में भारत की 15 इन्फैंट्री और असम राइफल्स बटालियन ने मदद की.
सूत्रों की मानें तो म्यांमार सेना ने भारत के दक्षिण मिजोरम के सामने वाले अपने सूबे चिन में 17 फरवरी से दहशतगर्द समूह अराकान आर्मी के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था. इस कार्रवाई में 10 से 12 कैंपों को खत्म करने का दावा किया गया है. यह ग्रुप म्यांमार से ही अपनी गतिविधियां को संचालित करने का काम कर रहा था. यह काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी से जुड़ा था, जिसके तार चीन से जुड़े रहे हैं.
यहां चर्चा कर दें कि बालाकोट में हुई कार्रवाई के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह एक रैली में कहा था कि तीन सर्जिकल स्ट्राइक हुए हैं. उन्होंने कहा था कि तीसरा कौन है यह वह नहीं बताएंगे.