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छत्तीसगढ़ : बस्तर व सरगुजा में 1000 करोड़ की 2848 विकास कार्यों का भूपेश बघेल ने किया लोकार्पण, शिलान्यास

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई बड़ी घोषणाएं कीं हैं. उन्होंने 1000 करोड़ रुपये की लागत से 2848 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया.

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले सूबे के मुखिया भूपेश बघेल ने 1,000 करोड़ रुपये की 2,848 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया. ये योजनाएं आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा जिले के लिए हैं. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आदिवासियों के हित में कई फैसले लिये हैं और इसके तहत कई विकास कार्यक्रमों की शुरुआत की गयी है. आदिवासी बहुल दक्षिणी क्षेत्र बस्तर और उत्तरी क्षेत्र सरगुजा में आदिवासियों के हित में कई घोषणाएं भी सीएम भूपेश बघेल ने की हैं.

सरगुजा में विधानसभा की 14 और बस्तर में 12 सीटें

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘विश्व आदिवासी दिवस’ के मौके पर दो कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और एक हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया. भूपेश बघेल की इस पहल को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 से जोड़कर देखा जा रहा है. इस साल के अंत में सूबे में विधानसभा के चुनाव होने हैं. बता दें कि सरगुजा संभाग में विधानसभा की 14 और बस्तर संभाग में 12 सीटें हैं.

बस्तर संभाग के सभी जिला मुख्यालयों में बीएड और डीएड कॉलेज खोले जायेंगे. जगदलपुर में आदिवासियों के संस्कृति के प्रतीक बुढ़ादेव गुडी निर्माण और मूर्ति की स्थापना होगी. जगदलपुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से इंडोर स्टेडियम का निर्माण होगा. जिला न्यायालय जगदलपुर चौक का नामकरण ‘भूमकाल चौक’ करेंगे.

भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

90 में 26 विधानसभा सीटें आरक्षित

इन 26 सीटों में से 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. बस्तर संभाग की नौ और सरगुजा संभाग की 11 विधानसभा सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं. छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए तथा बाद में उन्होंने सरगुजा जिले के विकासखंड सीतापुर में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की.

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100 करोड़ की लागत से जगदलपुर में बनेगा इंडोर स्टेडियम

अधिकारियों ने बताया कि जगदलपुर में कार्यक्रम के दौरान बघेल ने बस्तर संभाग के सभी जिला मुख्यालयों में बीएड और डीएड कॉलेज खोले जाने, जगदलपुर में आदिवासियों के संस्कृति के प्रतीक बुढ़ादेव गुडी निर्माण और मूर्ति की स्थापना करने, जगदलपुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से इंडोर स्टेडियम का निर्माण करने, जिला न्यायालय जगदलपुर चौक का नामकरण ‘भूमकाल चौक’ करने समेत कई घोषणाएं कीं.

सरगुजा में जनजातीय सांस्कृतिक केंद्र बनायेंगे

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सरगुजा जिले के सीतापुर में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सरगुजा में जनजातीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना करने, सर्व आदिवासी समाज और अन्य समाजों के लिए भूमि आवंटन करने, पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जिले के आदिवासी वर्ग के शिक्षित बेरोजगारों (युवक एवं युवतियों) को पर्यटक गाइड समेत अन्य प्रशिक्षण दिलाये जाने की व्यवस्था करने तथा जिले के आदिवासी वर्ग के युवकों और युवतियों को राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेल विधाओं में भाग लेने के लिए आदिवासी विकास विभाग की ओर से आवश्यक आर्थिक सहायता प्रदान करने समेत कई घोषणाएं कीं.

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छत्तीसगढ़ की संस्कृति को दिलायेंगे वैश्विक पहचान

सीतापुर में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए लगातार काम कर रही है. श्री बघेल ने कहा, ‘आज विश्व आदिवासी दिवस की गूंज ईब (सरगुजा क्षेत्र के जशपुर जिले से निकलने वाली एक नदी) से इंद्रावती (बस्तर क्षेत्र में बहने वाली एक नदी) तक सुनाई दे रही है. हमने विश्व आदिवासी दिवस के दिन छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की, उसके बाद से आदिवासी समाज के लोग बढ़-चढ़कर विश्व आदिवासी दिवस मनाते हैं.’

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया

उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार विगत पौने पांच सालों से आदिवासी समुदाय के साथ-साथ सभी वर्गों के हित के लिए लगातार कार्य कर रही है. किसी ने भी नहीं सोचा था कि गोबर की भी खरीदी होगी, लेकिन हमने यह कर दिखाया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास किया है.’

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तेंदूपत्ता संग्रहण की दर 2500 से बढ़ाकर 4000 किया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘आदिवासियों के आर्थिक-सामाजिक जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए हमने तेंदूपत्ता संग्रहण की दर को 2500 से बढ़ाकर चार हजार रुपये प्रति मानक बोरा किया है, वनोपजों की खरीदी की संख्या सात से बढ़ाकर 65 की है. इसी प्रकार से वन प्रबंधन समिति को 44 करोड़ रुपये लाभांश राशि का अंतरण भी आज उनके खातों में किया गया.’

संस्कृति को सहेजने के लिए सरगुजा में बनेगी संस्था

श्री बघेल ने कहा, ‘हमने जगदलपुर के आसना में ‘बादल’ नाम की संस्था की स्थापना की. वहां हम आदिवासी संस्कृति, साहित्य और परंपरा को सहेजने का काम कर रहे हैं. सरगुजा में भी आदिवासियों की संस्कृति को सहेजने के लिए एक संस्था का निर्माण किया जायेगा.’

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जगदलपुर में बोले भूपेश बघेल : बस्तर शांति का टापू है

इससे पहले जगदलपुर के काकतीय कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री बघेल ने कहा, ‘बस्तर शांति का टापू है. प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है।.बस्तर में साफ दिल के लोग हैं, मेहनतकश और ईमानदार लोग हैं. पिछले कुछ वर्षों से जो भय का माहौल बना था, आज वह भय से उन्मुक्त होते जा रहे हैं. आज हिंसक घटनाओं में बहुत कमी आयी है और उसका लाभ जनता उठा पा रही है.’

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