विधानसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ तैयार है. दो चरणों में होने वाली वोटिंग के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को छोड़कर अभी किसी दल ने सभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. लेकिन, वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस कह रही है कि बीजेपी में जिन सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं, वहां आपस में सिरफुटव्वल चल रहा है. वहीं, बीजेपी ने कहा है कि चुनाव के लिए मैदान सजकर तैयार है, लेकिन कांग्रेस को ‘खिलाड़ी’ (उम्मीदवार) ही नहीं मिल रहे हैं. छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष अरुण साव ने ट्वीट करके कांग्रेस और भूपेश बघेल सरकार पर तंज भी कसा है. वहीं, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि बीजेपी में अंदरूनी कलह चरम पर है. यही वजह है कि पार्टी ने 85 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए, लेकिन पांच सीट पर प्रत्याशी घोषित करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी में हर कोई खुद को मुख्यमंत्री का कैंडिडेट मान रहा है. डॉ रमन सिंह अपने आप को सीएम मान रहे हैं, तो अरुण साव खुद को मुख्यमंत्री का कैंडिडेट मान रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को पता है कि जनता उसे पसंद नहीं करती. एक बार भी भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनेगी. 75 से अधिक सीटें कांग्रेस जीतेगी.
नवरात्र के पहले दिन होगी कांग्रेस कैंडिडेट्स की घोषणा
सुशील आनंद शुक्ला ने यह भी कहा कि कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार हो चुकी है. नवरात्र के पहले दिन कैंडिडेट्स के नामों की घोषणा कर दी जाएगी. उन्होंने पितृपक्ष में बीजेपी के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के लिए भी छत्तीसगढ़ की मुख्य विपक्षी पार्टी को आड़े हाथ लिया. कहा कि सनातन धर्म की बात करने वाले ये भूल गए कि सनातन धर्म में पितृपक्ष के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं होता है. उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. दो दिन बाद हमारे उम्मीदवारों की भी सूची जारी हो जाएगी.
डॉ रमन सिंह के नामांकन में आएंगे अमित शाह
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मीडिया प्रभारी ने यह भी कहा कि बीजेपी को स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं है. इसलिए बाहर से नेताओं को यहां प्रचार करने के लिए बुलाया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद डॉ रमन सिंह के नामांकन में शामिल होंगे. इससे यह स्पष्ट है कि राजनांदगांव में डॉ रमन सिंह काफी डरे हुए हैं. उन्हें पता है कि इस बार वह इस सीट से जीत नहीं पाएंगे. इसलिए वे बाहर से नेताओं को बुला रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के नेताओं की लोकप्रियता नहीं रह गई है.