रायपुर : छत्तीसगढ़ में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में पंचायती राज मंत्री टीएस सिंहदेव ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया है कि उन्हें टीएस सिंहदेव का इस्तीफा अभी तक नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे की जानकारी उन्हें मीडिया के द्वारा मिला है. हालांकि, खबर यह है कि छत्तीसगढ़ में रविवार शाम को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई गई है. इसमें मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा देने के बाद उपजे राजनीतिक हालात पर भी चर्चा होने की संभावना है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायती राज विभाग मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच खींचतान चल रही है. टीएस सिंहदेव ने शनिवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया. वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और जीएसटी विभागों के मंत्री बने रहेंगे. इस घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें मंत्री के कदम के बारे में मीडिया के जरिए पता चला और इस्तीफा मिलने के बाद ही वह इस पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि मैंने उनसे (टीएस सिंहदेव) बात नहीं की है. मैंने उन्हें बीती रात फोन करने की कोशिश की थी, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार शाम सात बजे राज्य विधायक दल की बैठक बुलाई है, जो मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर होगी. इसमें 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव और 20 जुलाई से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के मानसून सत्र पर चर्चा की जाएगी. यहां पार्टी के एक नेता ने बताया कि टीएस सिंहदेव के एक विभाग से इस्तीफा देने के बाद की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी. टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने इस्तीफे में दावा किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघर लोगों के लिए एक भी मकान नहीं बनाया गया और बार-बार अनुरोध के बावजूद निधि आवंटित नहीं की गई.
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छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के इस्तीफे के बाद राजनीतिक संकट पैदा होने के आसार नजर आ रहे हैं. मीडिया की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि रविवार को होने वाले कांग्रेस विधायक दल की बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. छत्तीसगढ़ के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 14, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के तीन और बसपा के दो विधायक हैं.