छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के एक नेता और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के कुछ अधिकारियों समेत कई ठिकानों पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापेमारी की. बताया जा रहा है कि धन शोधन (मनी लाउंडरिंग केस) में ईडी ने छापेमारी की है. कांग्रेस नेता और आईएएस अधिकारियों के कई ठिकानों पर छापेमारी हुई है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
रायपुर और कोरबा में चल रही ईडी की कार्रवाई
सूत्रों ने बताया है कि आईएएस अधिकारी रानू साहू के अलावा कुछ अन्य नौकरशाह और छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के नेता एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल से जुड़े परिसरों पर तलाशी ली जा रही है. राजधानी रायपुर में आईएएस अधिकारी साहू और रामगोपाल अग्रवाल तथा कोरबा में कोरबा नगर निगम के आयुक्त प्रभाकर पांडे के आवास के बाहर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवान नजर आ रहे हैं.
किस मामले में हो रही कार्रवाई, यह स्पष्ट नहीं
सूत्रों की ओर से बताया गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किये जाने के बाद छत्तीसगढ़ में यह कार्रवाई की जा रही है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ईडी ने छापेमारी की यह कार्रवाई किस मामले में की है. सूत्र इस बात की संभावना जता रहे हैं कि छापेमारी कथित चावल घोटाला से जुड़ी हो सकती है.
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लेवी और शराब घोटाला में गिरफ्तार हुए हैं कई अधिकारी
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी छत्तीसगढ़ में कथित कोयला लेवी और शराब घोटाले की भी जांच कर रही है. इन दोनों मामलों में उसने कई नेताओं और उनसे जुड़े लोगों के साथ-साथ कई आईएएस अधिकारियों एवं प्रमुख नौकरशाहों को गिरफ्तार किया है. लेकिन इस छापे के तार शराब घोटाले से जुड़े नहीं हो सकते हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को इस मामले में निर्देश दे रखा है कि वह हर तरह से संयम बनाये रखे.
भूपेश बघेल को फंसाना चाहती है ईडी – कपिल सिब्बल
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय में कहा था कि ईडी के अधिकारी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शराब घोटाला में फंसाना चाहते हैं. इतना ही नहीं, कुछ अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि ईडी के अफसर राज्य सरकार के अधिकारियों को जांच के नाम पर धमकी देते हैं.
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संयम बरतने का कोर्ट ने दिया था ईडी को निर्देश
सर्वोच्च न्यायालय ने इसके बाद 18 जुलाई को ईडी से कहा था कि वह छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लाउंडरिंग केस की जांच में ‘हर तरह से संयम बनाए रखे’. जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने छत्तीसगढ़ के दो लोगों की ओर से दायर याचिका और उससे जुड़ी कुछ अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- डर का माहौल पैदा न करें
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा था कि पहले ही आपको आदेश दिया जा चुका है कि इस मामले में में आप कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे. इससे पहले, 16 मई को शीर्ष अदालत ने ईडी से कहा था कि वह ‘डर का माहौल’ पैदा न करे. छत्तीसगढ़ की सरकार ने ईडी पर ‘अनियमित तरीके से काम करने’ का आरोप लगाया था.
शराब घोटाले से 2000 करोड़ रुपये की काली कमाई
उधर, प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले एक अदालत में कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब के व्यापार में सरकार के सीनियर ऑफिसर्स, नेताओं और कुछ लोगों ने शराब के कारोबार में जमकर कालाधन बनाया. एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि इन लोगों ने तीन-चार साल में 2,000 करोड़ रुपये की काली कमाई की.