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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले जेसीसी (जे) से निष्कासित विधायक धर्मजीत सिंह बीजेपी में शामिल

अरुण साव ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि विभिन्न दलों और समाज के विभिन्न वर्ग के लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, जिससे स्पष्ट है कि राज्य में बदलाव की हवा चल रही है और नवंबर के बाद छत्तीसगढ़ में 'कमल' खिलेगा.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से निष्कासित विधायक धर्मजीत सिंह रविवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. राज्य में बीजेपी मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में आयोजित एक समारोह के दौरान सिंह के साथ भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के पूर्व अधिकारी एसएसडी बडगैया भी बीजेपी में शामिल हुए. राज्य में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. धर्मजीत सिंह के बीजेपी में शामिल होने को, चुनाव के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

नवंबर के बाद छत्तीसगढ़ में कमल खिलेगा : साव

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. अरुण साव ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि विभिन्न दलों और समाज के विभिन्न वर्ग के लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, जिससे स्पष्ट है कि राज्य में बदलाव की हवा चल रही है और नवंबर के बाद छत्तीसगढ़ में ‘कमल’ खिलेगा.

हम मिलकर छत्तीसगढ़ को बचाने के लिए काम करेंगे : साव

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस के कुशासन से तंग आ चुकी है और अब पूरे विश्वास के साथ बीजेपी की ओर देख रही है. साव ने कहा, ‘हम सभी मिलकर छत्तीसगढ़ को बचाने के लिए काम करेंगे.’ लोरमी विधानसभा सीट से चार बार के विधायक धर्मजीत सिंह बिलासपुर संभाग में एक मजबूत और लोकप्रिय नेता माने जाते हैं.

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लगातार तीन बार लोरमी से विधायक रहे धर्मजीत सिंह

वह पहली बार वर्ष 1998 में लोरमी सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे. इसके बाद उन्होंने क्रमशः वर्ष 2003 और वर्ष 2008 में दो बार विधानसभा चुनाव जीते. वर्ष 2013 का विधानसभा चुनाव वह बीजेपी उम्मीदवार से हार गए थे. बाद में वह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जेसीसी (जे) में शामिल हो गए थे. जोगी ने वर्ष 2016 में कांग्रेस से अलग होने के बाद अपना संगठन जेसीसी (जे) बनाया था.

अजीत जोगी की पार्टी ने कर दिया था धर्मजीत को निष्कासित

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंह ने जेसीसी (जे) के टिकट पर लोरमी सीट से चुनाव लड़ा था. पिछले वर्ष सितंबर में, जेसीसी (जे) ने सिंह को यह दावा करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था कि उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के हितों की अनदेखी की और पार्टी के संस्थापक दिवंगत अजीत जोगी द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है.

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धर्मजीत सिंह को लोरमी से मिल सकता है बीजेपी का टिकट

माना जा रहा है कि धर्मजीत सिंह को बीजेपी लोरमी से चुनाव मैदान में उतार सकती है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की कुल 90 सीटों में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा 15 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जेसीसी (जे) को पांच सीटें तथा उसकी सहयोगी बसपा को दो सीटें मिली थीं. कांग्रेस के पास वर्तमान में 71 सीटें हैं.

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