कविता: कभी हम रहा करते थे जहां
Love Poem, Quotes
कभी हम रहा करते थे जहां
अब न जाने कौन रहता होगा
चिड़ियों की चहचहाहट थी तब वहां
अब शायद खामोशी का शोर होगा
कभी हमें देख मुस्कुराया करता था वो
अब न जाने उसके दिल में कौन होगा
याद अक्सर आती होगी हमारी
जब भी वो उस गली से गुज़रता होगा
जाना पहचाना सा जो था मकान
अब बिन हमारे अंजाना लगता होगा
– शिव सिंह