20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Maa Kushmanda ki Aarti: कूष्माण्डा जय जग सुखदानी, मुझ पर दया करो महारा… मां कूष्मांडा देवी की ऐसे करें पूजा आरती

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि के चौथा दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा होती है. मां कूष्मांडा को पीले रंग का पुष्प जैसे पीला कमल, गेंदा प्रिय होता है. मां कूष्मांडा की पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती के बारे में जानिए पूरी डिटेल.

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है.मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा भी कहा जाता है. इनके सात हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं. वहीं आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है.

मां कुष्मांडा को कुम्हड़े की बलि अति प्रिय है और संस्कृत में कुम्हड़े को कूष्मांडा कहते हैं. इसीलिए मां दुर्गा के इस रूप को कूष्मांडा कहा जाता है.

माता कूष्मांडा पूजा विधि: सुबह सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त हो कर स्वच्छ कपड़े पहनें.
अब मां कूष्मांडा का ध्यान कर उन्हें धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
 मां कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाएं.
मां का भक्ति भाव से ध्यान करें.
पूजा के अंत में मां कूष्मांडा की आरती करें.

देवी कूष्मांडा मंत्र, स्तुति: ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥
स्तूति: या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कूष्माण्डा आरती

कूष्माण्डा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥

पिङ्गला ज्वालामुखी निराली। शाकम्बरी माँ भोली भाली॥

लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे॥

भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

सबकी सुनती हो जगदम्बे। सुख पहुँचती हो माँ अम्बे॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

माँ के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो माँ संकट मेरा॥

मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥

तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

मां कूष्‍मांडा ध्यान मंत्र :

वन्दे वांछित कामर्थे, चन्द्रार्घकृत शेखराम्।

सिंहरूढ़ा अष्टभुजा, कूष्‍मांडा यशस्वनीम्॥

भास्वर भानु निभां, अनाहत स्थितां

चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्। कमण्डलु, चाप, बाण, पदमसुधाकलश,

चक्र, गदा, जपवटीधराम्॥ पटाम्बर परिधानां

कमनीयां मृदुहास्या, नानालंकार भूषिताम्।

मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि, रत्नकुण्डल, मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वदनांचारू, चिबुकां कांत

कपोलां तुंग कुचाम्। कोमलांगी स्मेरमुखी श्रीकंटि

निम्ननाभि नितम्बनीम्..

Also Read: Shardiya Navratri 2023 : नवरात्रि गरबा नाइट में पहनें ये पारंपरिक पोशाक, बनेंगी महफ़िल की जान

मां कूष्मांडा का भोग : मां कूष्मांडा को भोग में मालपुआ चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि इस भोग को लगाने से मां कूष्मांडा प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं.

मां कूष्मांडा को कुम्हड़े यानी कद्दू अति प्रिय है. माना जाता है कि इस देवी को कद्दू की बलि देने से प्रसन्न होती है और साधक की मनोकामनाएं पूरी होती है.

Undefined
Maa kushmanda ki aarti: कूष्माण्डा जय जग सुखदानी, मुझ पर दया करो महारा... मां कूष्मांडा देवी की ऐसे करें पूजा आरती 2

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें