India Canada Row: भारत के कड़ी प्रतिक्रिया के बाद कनाडा बैकफुट पर आ गया है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आज यानी मंगलवार को कहा है कि कनाडा भारत के साथ स्थिति को बढ़ाना नहीं चाहता है. साथ ही वो भारत के साथ जिम्मेदारीपूर्वक और रचनात्मक रूप से जुड़ना जारी रखेगा. पीएम जस्टिन ट्रूडो ने यह भी कहा कि कनाडा भारत के संबंध बेहद चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. बता दें, खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या मामले को लेकर दोनों देशों में जारी राजनयिक विवाद के बीच ट्रूडो ने कहा कि ओटावा नई दिल्ली के साथ रचनात्मक संबंध जारी रखेगा. टोरंटो सन अखबार की खबर के मुताबिक ट्रूडो ने ओटावा में पत्रकारों से कहा कि कनाडा के लिए भारत में जमीनी स्तर पर राजनयिकों का होना महत्वपूर्ण है.
बैकफुट पर आया कनाडा
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का यह बयान लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें दावा किया गया है कि भारत शेष बचे 62 कनाडाई राजनयिकों में से 41 को वापस भेजना चाहता है. इसी कड़ी में अखबार ने ट्रूडो के हवाले से कहा कि जाहिर है हम इस समय भारत के साथ बेहद चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की. वहीं, यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार जवाबी कार्रवाई में भारत से कनाडा में तैनात राजनयिकों को हटाने के लिए कहेगी, ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार नई दिल्ली के साथ काम करना जारी रखने की कोशिश करेगी.
कठिन दौर से गुजर रहा है भारत-कनाडा संबंध- ट्रूडो
ट्रूडो ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा है हम तनाव बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. हम वह काम करना चाहते हैं, जो इस बेहद कठिन समय में भारत के साथ रचनात्मक संबंध जारी रखने के लिए मायने रखता है. जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया.
भारत ने आरोपों का बताया था बेतुका
वहीं, भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका और प्रेरित कहकर खारिज कर दिया और इस मामले पर ओटावा में एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया. ब्रिटिश कोलंबिया में दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने 18 जून को निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत ने उसे 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. भारत ने 21 सितंबर को कनाडा से देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने के लिए कहा क्योंकि नई दिल्ली के खिलाफ ओटावा के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गए थे.