छत्तीसगढ़ विधानसभा में बृहस्पतिवार को जमकर हंगामा हुआ. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा में भूपेश बघेल की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार पर संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के अपने चुनावी वादे को पूरा नहीं करके उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया. इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ और इसकी वजह से सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित की गयी.
15 दिन से हड़ताल पर हैं 4 लाख से अधिक कर्मचारी
प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे को उठाते हुए विपक्ष के नेता नारायण चंदेल तथा विधायक धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने कहा कि पिछले 15 दिनों से सरकारी विभागों के 145 संगठनों के चार लाख से अधिक संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा किये गये वादे के अनुसार अपनी सेवा को नियमित करने की मांग को लेकर राज्य भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
नया रायपुर में हड़ताल से कामकाज है ठप – भाजपा
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ये कर्मचारी नया रायपुर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हड़ताल के कारण शासकीय कामकाज ठप हो गया है, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. विधायकों ने कहा कि सरकार ने उन्हें नियमित करने की बजाय सिर्फ वेतन बढ़ाकर उन्हें ‘झुनझुना’ थमा दिया है. भाजपा सदस्यों ने इस विषय पर काम रोककर चर्चा कराये जाने की मांग की और कहा कि संविदा कर्मचारी और उनके परिवार खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
भाजपा ने किया हंगामा, सदन स्थगित
विपक्ष की मांग को पीठासीन अधिकारी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि विपक्षी सदस्यों को भाजपा द्वारा पेश किये जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पर्याप्त समय मिलेगा. इसके बाद भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए सदन में नारेबाजी शुरू कर दी. सदन में हंगामा होता देख पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी.
भूपेश बघेल ने विधानसभा में की थी ये घोषणाएं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को विधानसभा में घोषणा की थी कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के 37 हजार संविदा कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जायेगी. उन्होंने यह भी कहा था कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन में चार हजार रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी की जायेगी. इतना ही नहीं, सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में भी 4 फीसदी इजाफा करने का ऐलान किया था. सरकारी कर्मचारियों के आवास भाड़ा भत्ता में भी वृद्धि की घोषणा सीएम ने की.
अक्टूबर-नवंबर में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव संभव
छत्तीसगढ़ में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा के चुनाव कराये जा सकते हैं. इसलिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने एक-दूसरे पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. भूपेश बघेल ने कर्मचारियों के डीए और भत्तों के साथ-साथ संविदाकर्मियों एवं दैनिक वेतनभोगियों के वेतन में वृद्धि की घोषणा करके उन्हें लुभाने की कोशिश की, तो भाजपा ने सदन में उनको स्थायी नहीं करने का मुद्दा उठाया.
छत्तीसगढ़ में 15 साल भाजपा ने शासन किया
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 15 साल तक भाजपा ने शासन किया. 15 साल तक रमन सिंह सूबे के मुखिया रहे थे. वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी ने भूपेश बघेल के नेतृत्व में भाजपा की डॉ रमन सिंह सरकार को सत्ता से बेदखल किया था. कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है, तो भाजपा उसको सत्ता से बेदखल कर फिर से छत्तीसगढ़ में अपना शासन स्थापित करना चाहती है. इसलिए दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
छत्तीसगढ़ में दोबारा सरकार बनाने की कोशिश में कांग्रेस
हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जीत से उत्साहित कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में दोबारा सरकार बनाने के प्रयासों में जुटी है, तो भाजपा फिर से यहां सत्ता में आने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. भाजपा की ओर से शराब घोटाला समेत कई अन्य घोटालों के आरोप कांग्रेस की सरकार पर लगाये जा रहे हैं, तो जवाबी कार्रवाई में कांग्रेस भी भाजपा की रमन सिंह सरकार पर लगे आरोपों की याद दिला रही है.