छत्तीसगढ़ के ‘महरा’ व ‘महारा’ एससी में होंगे शामिल, लोकसभा में संविधान अनुसूचित जातियां आदेश संशोधन विधेयक पेश
छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में संविधान अनुसूचित जातियां आदेश 1950 में संशोधन करना आवश्यक है. विधेयक के वित्तीय ज्ञापन में कहा गया है कि विधेयक छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जातियों की सूची में ‘महरा’ और ‘महारा’ समुदाय को सम्मिलित करने के लिए है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को लोकसभा में ‘संविधान अनुसूचित जातियां आदेश संशोधन विधेयक, 2023’ पेश किया, जिसमें छत्तीसगढ़ में महरा तथ महारा समुदायों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है. लोकसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने ‘संविधान अनुसूचित जातियां आदेश संशोधन विधेयक, 2023’ पेश किया. इस दौरान मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्य शोर-शराबा कर रहे थे.
एससी से संबंधित छह राष्ट्रपतीय आदेश हुए थे जारी
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 341 के खंड (1) के उपबंधों के अनुसार, विभिन्न राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के संबंध में अनुसूचित जातियों से संबंधित छह राष्ट्रपतीय आदेश जारी किये गए थे. संविधान के अनुच्छेद 341 के खंड (2) के अधीन संसद के अधिनियमों द्वारा समय समय पर इन आदेशों को संशोधित किया गया है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र को भेजा है ये प्रस्ताव
इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने अनुसूचित जातियों की सूची में महरा और महारा समुदायों को सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया है. भारत के महापंजीयक तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है.
अनुसूचित जातियां आदेश 1950 में संशोधन जरूरी
इसमें कहा गया है कि उपरोक्त परिवर्तन को प्रभावी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में संविधान अनुसूचित जातियां आदेश 1950 में संशोधन करना आवश्यक है. विधेयक के वित्तीय ज्ञापन में कहा गया है कि विधेयक छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जातियों की सूची में ‘महरा’ और ‘महारा’ समुदाय को सम्मिलित करने के लिए है.