उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि देश में एडवांस्ड केमिकल बैटरी का प्रोडक्शन अगले साल जनवरी तक शुरू होने की संभावना है. सरकार ने मई, 2021 में एडवांस्ड केमिकल बैटरियों (एसीसी) का घरेलू लेवल पर विनिर्माण करने के लिए प्रोडक्शन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की मंजूरी देते हुए इसके लिए 18,100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था. एडवांस्ड केमिकल बैटरी नई पीढ़ी की एडवांस्ड ऊर्जा भंडारण टेक्नोलॉजी है जो इलेक्ट्रिक ऊर्जा का इलेक्ट्रो-रसायन या रासायनिक ऊर्जा के तौर पर भंडार कर सकती है. एडवांस्ड बैटरी जरूरत पड़ने पर इस ऊर्जा को दोबारा इलेक्ट्रिक ऊर्जा में भी बदलने की क्षमता रखती है.
महेंद्र नाथ पांडेय ने यहां वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के 63वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल दिसंबर या अगले साल जनवरी तक देश में एसीसी बैटरियों का प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है. देश में फिलहाल एसीसी बैटरियों की जरूरत को इम्पोर्ट के जरिये पूरा किया जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार पीएलआई के अलावा फेम योजना के जरिये वाहन उद्योग की मदद करती रही है. फेम योजना के तहत हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं.
महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि वाहन उद्योग के लिए लाई गई 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को उद्योग जगत से अच्छा समर्थन मिला है. इसे देखते हुए उद्योग जगत से परामर्श के बाद इस योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. इस अवसर पर पांडेय ने बताया कि सरकार ने वाहनों एवं कलपुर्जों के परीक्षण के लिए दो अन्य एजेंसियों को भी जोड़ा है. अब चेन्नई स्थित ग्लोबल ऑटोमेटिक रिसर्च सेंटर (जीएआरसी) और मध्य प्रदेश स्थित नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स परीक्षण गतिविधियों का हिस्सा हैं. अभी तक सिर्फ दो जगहों पर ही वाहन एवं कलपुर्जों का परीक्षण होता रहा है. इनमें पुणे स्थित ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) और हरियाणा के मानेसर में स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) शामिल हैं.