सस्ते स्मार्टफोन्स के साथ बाजार में छा जाने की Lava की तैयारी, जानें क्या है प्लानिंग
रैना ने कहा कि कंपनी ने ग्राहकों को बेहतर अनुभव दिलाने के लिए अपने स्मार्टफोन में पहले से ही ‘अपलोड’ किए गए ऐप नहीं देने का फैसला किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लावा अपने स्मार्टफोन में लगातार अपडेटेड ‘सिक्योरिटी’ मुहैया करा रही है.
घरेलू मोबाइल फोन बनाने वाली लावा इंटरनेशनल अगले दो साल में प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड मार्केटिंग पर 600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इस निवेश के साथ कंपनी को उम्मीद है कि 30,000 रुपये तक के स्मार्टफोन बाजार में उसकी हिस्सेदारी बढ़कर 10 प्रतिशत हो जाएगी. लावा इंटरनेशनल के अध्यक्ष सुनील रैना ने बातचीत में कहा कि कंपनी को वृद्धि के लिए टेक्नोलॉजी की अहमियत का अहसास हो गया है. इसे ध्यान में रखते हुए कंपनी प्रोडक्ट्स के डेवलपमेंट एवं ब्रांडिंग पर अगले दो साल में 500-600 करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है. रैना ने कहा, हमारे इस निवेश का बड़ा हिस्सा उत्पादों के विकास पर खर्च होगा.
अगले दो-तीन साल तक औसतन 100 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद
रैना ने कहा कि कंपनी ने ग्राहकों को बेहतर अनुभव दिलाने के लिए अपने स्मार्टफोन में पहले से ही ‘अपलोड’ किए गए ऐप नहीं देने का फैसला किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लावा अपने स्मार्टफोन में लगातार अपडेटेड ‘सिक्योरिटी’ मुहैया करा रही है. रैना ने बताया कि लावा इंटरनेशनल का स्मार्टफोन बाजार पिछले साल 200 प्रतिशत की दर से बढ़ा था जबकि, इस साल इसकी वृद्धि दर 300 प्रतिशत तक है. उन्होंने कहा, हमें अगले दो-तीन साल तक औसतन 100 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. हमारी योजना 30,000 रुपये से कम कीमत वाले फोन बाजार में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की है जो फिलहाल 2 प्रतिशत है.
आक्रामक कीमतों और जीएसटी लागू होने से कई भारतीय मोबाइल कंपनियों का कामकाज ठप
रैना ने कहा कि कंपनी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ऑनलाइन वृद्धि पर जोर देने के साथ खुदरा बिक्री नेटवर्क को भी सशक्त करेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में विदेशी कंपनियों की आक्रामक कीमतों और जीएसटी लागू होने से कई भारतीय मोबाइल कंपनियों का कामकाज ठप हो गया था लेकिन लावा ने अपनी वृद्धि रणनीति को बदलकर अपनी मूल ताकत पर ध्यान दिया. कंपनी ने कुछ समय तक रुकने के बाद फिर से स्मार्टफोन कारोबार पर ध्यान देना शुरू किया है.