मणिपुर: जमानत पर रिहा किए गए पांच युवकों में से एक फिर गिरफ्तार, सरकार ने दिया यह अल्टीमेटम
मणिपुर की एक विशेष अदालत ने पांच युवकों को 50 हजार रुपये के जमानती बॉण्ड जमा कराने के बाद रिहा कर दिया गया. पुलिस ने 16 सितंबर को इंफाल ईस्ट जिले के कोंगबा में आनंद और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था तथा उनके पास से गोला बारूद के साथ एक इंसास राइफल बरामद की थी.
मणिपुर की एक विशेष अदालत की ओर से जमानत पर रिहा किए गए पांच ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों में से एक युवक को पुन: गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद इंफाल वेस्ट के कुछ इलाकों में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच शुक्रवार रात फिर से झड़प हुईं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि फिर से गिरफ्तार किए गए युवक की स्थिति को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि जमानत पर रिहाई के बाद चार युवकों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया, लेकिन प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्व काडर मोइरांगथेम आनंद को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.
आनंद की पत्नी ने कहा मुझे पुलिस ने बताया है कि मेरे पति को 10 साल से अधिक पुराने एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है. जमानत पर रिहा किए गए एक युवक एल माइकल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम में से चार को रिहा कर दिया गया, लेकिन कुछ अधिकारी आनंद को अपने साथ ले गए. हमने तभी उसे आखिरी बार देखा था. सुरक्षा बलों ने इंफाल वेस्ट जिले के क्वाकीथेल इलाके, सिंगजमेई और उरीपोक में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. प्रदर्शनकारियों ने सरकार और पुलिस का विरोध करते हुए बीच सड़क पर टायर जलाए.
इससे पहले, मणिपुर की एक विशेष अदालत ने पांच युवकों को 50 हजार रुपये के जमानती बॉण्ड जमा कराने के बाद रिहा कर दिया गया. पुलिस ने 16 सितंबर को इंफाल ईस्ट जिले के कोंगबा में आनंद और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था तथा उनके पास से गोला बारूद के साथ एक इंसास राइफल बरामद की थी. राज्य में बीते दिनों सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच उस वक्त व्यापक पैमाने पर झड़पें देखी गईं थी, जब प्रदर्शनकारियों ने पांच युवकों को रिहा करने की मांग को लेकर गिरफ्तारी देने के लिए पुलिस थानों में घुसने का प्रयास किया.
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15 दिन में अवैध हथियार जमा कराएं- सरकार
इधर, मणिपुर सरकार ने अपील की है कि जिन लोगों के पास अवैध हथियार हैं वे 15 दिन के भीतर उन्हें जमा करा दें या फिर सुरक्षा बलों के व्यापक तलाशी अभियान का सामना करने के लिए तैयार रहें. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक विज्ञप्ति जारी कर यह बात कही है. बयान में कहा गया कि राज्य सरकार लोगों को 15 दिन तक अवैध हथियार जमा कराने का मौका दे रही है. इसमें यह भी कहा गया है, इस अवधि के समाप्त होने के बाद केंद्र और राज्य के सुरक्षा बलों की ओर से सख्त तलाशी अभियान चलाया जाएगा और अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.