26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मणिपुर हिंसा : कब से इंटरनेट में लगे बैन को हटाया जाएगा? हाई कोर्ट ने कही ये बात

Manipur Violence Updates : राज्य सरकार ने उच्च अधिकारियों को 10 एमबीपीएस की अधिकतम गति की सीमा के साथ ‘इंटरनेट लीज्ड लाइन’ (आईएलएल) पर प्रतिबंध हटाने पर विचार करने का प्रस्ताव दिया था.

Manipur Violence Updates : मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को ‘‘नागरिकों के जीवन और संपत्ति’’ की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा प्रदान करने की व्यवहार्यता की जांच करने के लिए भौतिक परीक्षण करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट मामले की सुनवाई 25 जुलाई को करेगी. कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति ए. बिमल और न्यायमूर्ति ए. गुनेश्वर शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि समिति द्वारा सुझाये गये सुरक्षा उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए ‘फाइबर टू द होम’ (एफटीटीएच) कनेक्शन के मामले में, गृह विभाग मामले दर मामले के आधार पर इंटरनेट सेवा प्रदान कर सकता है.

बारह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने कोर्ट को सूचित किया था कि इंटरनेट सेवा ब्रॉडबैंड कनेक्शन के माध्यम से प्रदान की जा सकती है. राज्य सरकार ने उच्च अधिकारियों को 10 एमबीपीएस की अधिकतम गति की सीमा के साथ ‘इंटरनेट लीज्ड लाइन’ (आईएलएल) पर प्रतिबंध हटाने पर विचार करने का प्रस्ताव दिया था.

कांग्रेस विधायक ने 24 घंटों का रखा ‘मौनव्रत’

केरल में विपक्षी दल कांग्रेस के एक विधायक ने मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई बयान नहीं आने के विरोध में 24 घंटों का ‘मौनव्रत’ रखा. कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान ने मणिपुर मुद्दे पर मोदी की चुप्पी के विरोध में एर्नाकुलम जिले में अपने मुवात्तुपुझा विधानसभा क्षेत्र में शनिवार सुबह 24 घंटे का ‘मौनव्रत’ शुरू किया. रविवार को अपना मौतव्रत तोड़ने के बाद कांग्रेस विधायक ने कहा कि मणिपुर में जो कुछ हो रहा है, प्रधानमंत्री ने उसपर चुप्पी साध रखी है. वहां जो कुछ हो रहा है, उसपर उनकी चुप्पी को देश का हर व्यक्ति उनकी सहमति के रूप में देख रहा है.

Also Read: मणिपुर की स्थिति को लेकर बीजेपी पर भड़के सचिन पायलट, कहा- हालात को बिगड़ने दिया गया
विरोधी समूह एक-दूसरे पर निशाना साधने के लिए कर रहे ड्रोन का इस्तेमाल

हिंसा प्रभावित मणिपुर राज्य में प्रौद्योगिकी वरदान और अभिशाप दोनों साबित हो रही है. एक ओर सेना और असम राइफल्स राहत एवं बचाव कार्य के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर जातीय समूह एक-दूसरे को निशाना बनाने के लिए क्वाडकॉप्टर (ड्रोन) का इस्तेमाल कर रहे हैं.अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के संज्ञान में आया है कि परस्पर विरोधी गुट क्वॉडकॉप्टर का इस्तेमाल एक-दूसरे की स्थिति का पता लगाने के लिए कर रहे हैं. मेइती समुदाय के लोग अधिकतर इस क्वॉडकॉप्टर का इस्तेमाल इंफाल घाटी में कर रहे हैं जबकि कुकी समुदाय के लोग इनका इस्तेमाल पहाड़ी इलाकों में कर रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें