महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा की घटनाओं के बाद धाराशिव जिले में कर्फ्यू लगाया गया है. स्थानीय प्रशासन ने यह जानकारी दी. जिलाधिकारी सचिन ओंबासे द्वारा सोमवार रात को जारी एक आदेश के अनुसार, कर्फ्यू के दौरान पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर मनाही है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (2) के तहत कर्फ्यू लगाया गया है और अगले आदेश तक कर्फ्यू जारी रहेगा. इसमें कहा गया है कि यह आदेश जिले में स्कूल, कॉलेज और दुकानों पर लागू रहेगा. हालांकि, दवा और दूध की दुकानों, सरकारी कार्यालयों, बैंकों, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं, अस्पतालों और मीडिया को इससे छूट दी गयी है.
महाराष्ट्र के इस जिले के विभिन्न हिस्सों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन और भूख हड़ताल चल रही है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिले के उमरगा तहसील में कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की एक बस में आग लगा दी गयी. पुलिस ने पहले कहा था कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन के दौरान सोमवार को हिंसा तथा आगजनी हुई. प्रदर्शनकारियों ने तीन विधायकों के घरों या कार्यालय में आगजनी व तोड़फोड़ की, नगर परिषद की एक इमारत को निशाना बनाया और सड़क यातायात अवरुद्ध किया.
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हिंसा तथा आगजनी की ज्यादातर घटनाएं बीड जिले में हुई जहां स्थानीय प्रशासन ने सोमवार को कुछ हिस्सों में ‘‘अगले आदेश’’ तक कर्फ्यू लगा दिया और एक इलाके में पुलिस ने मराठा आंदोलनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. ये प्रदर्शनकारी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक नेता के घर के बाहर एकत्रित हुए थे. बीड में सोमवार शाम को राकांपा के स्थानीय कार्यालय में भी आग लगा दी गयी. बीड में प्रदर्शनकारियों ने राकांपा के दो विधायकों के घरों में भी आग लगा दी जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक अन्य विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ की। इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.