भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डिजिटल भुगतान की पहुंच और इस्तेमाल को और बढ़ाने के लिए यूपीआई लाइट (UPI Lite) पर ऑफलाइन माध्यम से एक बार में भुगतान की लिमिट को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव किया है. मोनेटरी पालिसी कमीटी (MPC) की मंगलवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यूपीआई पर छोटे मूल्य के लेनदेन की गति बढ़ाने के लिए सितंबर, 2022 में ‘यूपीआई लाइट’ को लाया गया था. इसको बढ़ावा देने के लिए नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) तकनीक का इस्तेमाल करके ऑफलाइन लेनदेन की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) और यूपीआई लाइट सहित ऑफलाइन प्लैटफॉर्म से एक बार में 200 रुपये भेजने की सीमा को बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव है. हालांकि, अब भी कुल भुगतान सीमा 2,000 रुपये ही रहेगी. इसका मकसद भुगतान के इस तरीके की स्वीकार्यता बढ़ाना है. दास ने कहा कि यह सुविधा न केवल खुदरा क्षेत्र को डिजिटल रूप से सक्षम बनाएगी, बल्कि जहां इंटरनेट/दूरसंचार संपर्क कमजोर है या उपलब्ध नहीं है वहां कम राशि का लेनदेन इससे संभव हो पाएगा. वहीं, नवीन भुगतान मोड अर्थात यूपीआई (एकीकृत भुगतान प्रणाली) पर कन्वर्सेशनल पेमेंट्स (संवादात्मक भुगतान) की सुविधा शुरू करने जा रहा है.
आरबीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार, इसके जरिये यूजर्स लेन-देन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई-संचालित प्रणाली के साथ संवाद स्थापित कर पाएंगे. यह एकदम सुरक्षित व संरक्षित लेनदेन होगा. यह ऑप्शन स्मार्टफोन और फीचर फोन बेस्ड यूपीआई प्लैटफॉर्म दोनों में जल्द उपलब्ध होगा. इससे देश में डिजिटल क्षेत्र का विस्तार होगा. हिंदी और अंग्रेजी के बाद इसे अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा. आरबीआई के अनुसार, इन सभी घोषणओं के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे.