केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ला रहा है. लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई की ओर से सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए स्वीकृति दे दी है. इन सबके बीच पीएम मोदी का एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. दरअसल 2018 में इस तरह के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब सोशल मीडिया पर जोर-शोर से प्रसारित हो रहा है. पीएम मोदी ने साल 2018 में अपने एक बयान पर विपक्षी पार्टियों का उपहास करते हुए कहा था कि उन्हें 2023 में भी ऐसा ही प्रस्ताव लाने की तैयारी करनी चाहिए. पीएम मोदी ने लोकसभा में 2018 में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा था, मैं आपको अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप इतनी तैयारी करें कि 2023 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने का आपको मौका मिले.
400 से 40 रह गई लोकसभा में आपकी सीटें- पीएम मोदी
लोकसभा में विपक्ष को जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि मैं आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप इतनी तैयारी करें कि आपको 2023 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका मिले. विपक्षी पार्टी के एक सदस्य को जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि यह अहंकार का नतीजा है कि कांग्रेस की सीटों की संख्या कभी 400 से अधिक होती थी, जो 2014 के लोकसभा चुनावों में घटकर करीब 40 रह गई. उन्होंने कहा था कि अपनी सेवा की भावना की बदौलत ही भारतीय जनता पार्टी ने दो सीटों से बढ़कर अपने दम पर जीत का आंकड़ा हासिल किया है.
"I.N.D.I.A." in preparations of #NoConfidenceMotion but he predicted it before 😂
400 se 40 aur 2 se 303 🔥#NarendraModi #OppositionUnity pic.twitter.com/QfpPXz6pBI— Ragam Gupta (@RagamGupta) July 25, 2023
कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया
कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ बुधवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिस पर चर्चा के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकृति प्रदान की. सदन में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई की ओर से पेश इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करके इस पर चर्चा की तिथि के बारे में अवगत कराएंगे. लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बिरला ने कहा, मुझे सदन को सूचित करना है कि गौरव गोगोई से नियम 198 के तहत मंत्रिपरिषद में अविश्वास प्रस्ताव का अनुरोध प्राप्त हुआ है. लोकसभा अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव की अनुमति देने का समर्थन करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर खड़े होने के लिए कहा. इस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्य खड़े हो गए. इसके बाद बिरला ने कहा, इस प्रस्ताव को अनुमति दी जाती है.मैं सभी दलों के नेताओं से चर्चा करके उचित समय पर इस प्रस्ताव पर चर्चा कराने की तिथि के बारे में आप लोगों को अवगत करा दूंगा.
मणिपुर मामले पर जब पीएम मोदी चुप हैं तो I-N-D-I-A कैसे करे भरोसा- सिब्बल
इधर, राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि जब संसद में बयान देने को लेकर प्रधानमंत्री में विश्वास की कमी है तो विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’(I-N-D-I-A) उन पर कैसे भरोसा करे. सिब्बल की यह टिप्पणी उनकी पूर्व पार्टी कांग्रेस द्वारा मणिपुर मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दायर करने से पहले आई है. सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, अविश्वास प्रस्ताव, जब संसद में बयान देने को लेकर प्रधानमंत्री में विश्वास की कमी है, वह उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी आने तक मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर मौन बने रहे, बृज भूषण मामले पर मौन धारण किए रहे, कहा चीन ने किसी भूभाग पर कब्जा नहीं किया. तो फिर इंडिया उन पर कैसे भरोसा करे.
‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक के बाद लिया अविश्वास प्रस्ताव का फैसला
प्रस्ताव लाने के बारे में फैसला विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) के सांसदों की संसद में मंगलवार को हुई बैठक में लिया गया. गठबंधन के एक नेता ने कहा कि विपक्षी नेताओं की बैठक में विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का यह एक प्रभावी तरीका होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले गुरुवार को कहा था कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार कर दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून अपनी पूरी ताकत से काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.