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लोकमान्य तिलक पुरस्कार से नवाजे गये पीएम मोदी, शरद पवार के साथ किया मंच साझा

पीएम मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे लोकमान्य तिलक के नाम पर पुरस्कार पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तिलक के जीवन से हम अनेक चीजें सीख सकते हैं. जब लोगों ने मान लिया था कि गुलामी की जंजीरों तोड़ना असंभव है, तो तिलक ने लोगों को स्वतंत्रता का विश्वास दिलाया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज यानी मंगलवार एक और सम्मान से नवाजा गया. पुणे में पीएम मोदी को तिलक स्मारक ट्रस्ट की ओर लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पीएम मोदी को यह पुरस्कार ट्रस्टी दीपक तिलक के ने अपने हाथों से दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने अवार्ड की राशि को नमामि गंगे योजना में देने का ऐलान किया. समारोह में पीएम मोदी उपस्थित लोगों को संबोधिक किया. उन्होंने कहा कि आज देश में नीतियों और लोगों की कड़ी मेहनत दोनों में बेहद भरोसा (ट्रस्ट सरप्लस) झलकता है. इस कार्यक्रम में खास यह भी रहा है बीजेपी की धुर विरोधी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया. दोनों नेताओं ने एक दूसरे का हाल भी जाना.

अपनी सरकार पर लोगों का भरोसा मजबूत- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि अविश्वास के माहौल में देश का विकास संभव नहीं होता है. उन्होंने भारत की विश्वास की कमी से बेहद भरोसे तक की यात्रा के बारे में बात की. पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि भारत ऐसा देश है जहां लोग अपनी सरकार पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले नौ सालों में भारत के लोगों ने बड़े बदलाव संभव कर दिखाये हैं. मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने देश को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक स्वतंत्र प्रेस के महत्व को समझते थे.मोदी ने कहा, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी. अंग्रेज उन्हें भारतीय अशांति का जनक कहते थे. पीएम मोदी ने कहा, आज देश हर क्षेत्र में खुद पर विश्वास कर रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि आज अगर किसी विदेशी आक्रमणकारी के नाम पर बनी सड़क का नाम बदल दिया जाता है तो कुछ लोग असहज हो जाते हैं.

सम्मानित महसूस कर रहा हूं- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे लोकमान्य तिलक के नाम पर पुरस्कार पाकर वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तिलक के जीवन से हम अनेक चीजें सीख सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि तिलक की भगवद गीता में बहुत आस्था थी. अंग्रेजों ने उन्हें मांडले जेल भेज दिया था, लेकिन वहां भी उन्होंने भगवद गीता का अपना अध्ययन जारी रखा और गीता रहस्य लिखा तथा लोगों को कर्म की शक्ति से परिचित कराया. उन्होंने कहा कि तिलक ने इस बात पर जोर दिया कि लोग खुद पर विश्वास करें. प्रधानमंत्री ने कहा, वह उन्हें खुद पर विश्वास दिलाते थे. उस समय जब लोगों ने यह मान लिया था कि गुलामी की जंजीरों को तोड़ना भारत के लिए असंभव है, तो उन्होंने लोगों को स्वतंत्रता का विश्वास दिलाया. उन्हें हमारी परंपराओं पर विश्वास था, उन्हें हमारे लोगों, श्रमिकों पर विश्वास था, उन्हें भारत के समार्थ्य पर विश्वास था. मोदी ने कहा कि अविश्वास के माहौल में देश का विकास संभव नहीं है.

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि मुझे मनोज पोचाट नामक व्यक्ति ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने मुझे 10 साल पहले की मेरी पुणे यात्रा की याद दिलाई. मैंने तब फर्ग्यूसन कॉलेज में विश्वास की कमी के बारे में बात की थी. आज, उन्होंने मुझसे विश्वास की कमी से विश्वास में बढ़ोतरी तक की यात्रा के बारे में बोलने का अनुरोध किया था. प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत में बेहद भरोसा पॉलिसी में भी दिखाई देता है और देशवासियों के परिश्रम में भी झलकता है. उन्होंने कहा, बीते नौ वर्षों में भारत के लोगों ने बड़े-बड़े बदलावों की नींव रखी, बड़े-बड़े परिवर्तन करके दिखाए. यही कारण है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. ये भारत के लोग हैं जिन्होंने इसे संभव बनाया. उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभा को पहचानने की अद्वितीय क्षमता थी और (दिवंगत हिंदुत्व विचारक) वीर सावरकर इसका एक उदाहरण हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि तिलक को वीर सावरकर की क्षमता का एहसास हुआ और उन्होंने विदेश में उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, जब किसी पुरस्कार का नाम लोकमान्य तिलक के नाम पर रखा जाता है, तो जिम्मेदारी बढ़ जाती है. मोदी ने कहा कि तिलक लोगों को संबोधित करने के लिए अहमदाबाद गए थे और 40000 से ज्यादा लोग उन्हें सुनने आए थे. प्रधानमंत्री ने कहा, उनमें सरदार वल्लभभाई पटेल भी थे, जिन पर उनके भाषण का गहरा प्रभाव पड़ा. बाद में, पटेल अहमदाबाद नगर निगम के अध्यक्ष बने. उनकी सोच को देखिए. उन्होंने अहमदाबाद में तिलक की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया और इसके लिए विक्टोरिया गार्डन को चुना, जो महारानी विक्टोरिया की याद में बनाया गया था.

पीएम मोदी ने कहा कि पटेल को काफी विरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें रोकने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने संकल्प लिया कि अगर गार्डन में तिलक की प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं दी गई तो वह अपना पद छोड़ देंगे. उन्होंने कहा, अंततः प्रतिमा स्थापित की गई और 1929 में महात्मा गांधी ने तिलक की प्रतिमा का अनावरण किया. अहमदाबाद में रहते हुए मुझे कई बार इस प्रतिमा के दर्शन करने का अवसर मिला. पीएम मोदी ने कहा कि कोई कल्पना कर सकता है कि गुलामी के समय में सरदार पटेल ने ‘देश के बेटे’ के लिए ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा, आज के परिदृश्य में, अगर किसी विदेशी आक्रमणकारी के नाम पर बनी सड़क का नाम किसी भारतीय व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाता है, तो कुछ लोग हल्ला मचाने लगते हैं, उनकी नींद खराब हो जाती है.

पीएम मोदी ने कहा, कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत ने अपने वैज्ञानिकों पर विश्वास किया और उन्होंने एक भारतीय वैक्सीन बनाई और पुणे ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हम आत्मनिर्भर भारत के बारे में बात कर रहे हैं क्योंकि हम जानते हैं कि भारत ऐसा कर सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ मिले एक लाख रुपये नमामि गंगे परियोजना के लिए दे दिए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, आज देश के आम आदमी को बिना गारंटी का मुद्रा लोन दे दिया जा रहा, क्योंकि हमें उसकी ईमानदारी पर, उसकी कर्तव्यशक्ति पर विश्वास है. पहले छोटे-छोटे कामों के लिए आम लोगों को परेशान होना पड़ता था. आज ज़्यादातर काम मोबाइल पर एक क्लिक पर हो रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि इससे देश में एक अलग माहौल बन रहा है, एक सकारात्मक वातावरण तैयार हो रहा है. और हम देख रहे हैं कि विश्वास से भरे हुए देश के लोग, देश के विकास के लिए कैसे खुद आगे बढ़कर काम कर रहे हैं. स्वच्छ भारत आंदोलन को इस जन विश्वास ने ही जन आंदोलन में बदला. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को इस जन विश्वास ने ही जन आंदोलन में बदला. उन्होंने कहा, “आजादी के 75 वर्ष बाद, देश अपने अमृतकाल को कर्तव्यकाल के रूप में देख रहा है. हम देशवासी अपने-अपने स्तर से देश के सपनों और संकल्पों को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं. इसीलिए, आज विश्व भी भारत में भविष्य देख रहा है. हमारे प्रयास आज पूरी मानवता के लिए एक आश्वासन बन रहे हैं.

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मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक के आशीर्वाद से, उनके विचारों की ताकत से हम एक सशक्त और समृद्ध भारत के अपने सपने को जरूर साकार करेंगे. इस अवसर पर पवार ने कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी. एनसीपी नेता ने कहा कि देश ने दो युग देखे हैं- एक तिलक का और दूसरा महात्मा गांधी का. मंच पर पवार के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और कांग्रेस के नेता सुशील कुमार शिंदे भी मौजूद थे.

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