भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक रोहित पी. ने कहा कि हम ग्राहकों को सबसे सहज व सुरक्षित तरीके से उनके खाते में सीधे राशि जमा कराने के वास्ते बीमाकृत डाक के जरिए 2,000 रुपये के नोट आरबीआई को भेजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. यह उन्हें निर्दिष्ट शाखाओं तक यात्रा करने और कतार में खड़े होने की परेशानियों से बचाएगा.
रोहित पी. ने कहा कि टीएलआर तथा बीमित पोस्ट, दोनों विकल्प अत्यधिक सुरक्षित हैं और जनता के मन में इन विकल्पों को लेकर कोई डर नहीं होना चाहिए. अकेले दिल्ली कार्यालय को अब तक करीब 700 टीएलआर फॉर्म मिले हैं. उन्होंने कहा कि आरबीआई अपने संचार में अपने कार्यालयों में विनिमय सुविधा के अलावा इन दो विकल्पों को फिर शामिल कर रहा है.
आरबीआई ने 19 मई को 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी. इन नोटों को बैंकों में जमा करने के साथ अन्य मूल्य वर्ग के नोटों से बदलने की सुविधा लोगों को दी गई थी. आरबीआई के मुताबिक, इस तरह 19 मई 2023 तक चलन में मौजूद 2,000 रुपये मूल्य के कुल नोट में से 97 प्रतिशत से अधिक नोट अब वापस आ चुके हैं.
इन नोटों को बदलने या बैंक खातों में जमा कराने की समय सीमा पहले 30 सितंबर थी. बाद में यह समयसीमा सात अक्टूबर तक बढ़ा दी गई. बैंक शाखाओं में जमा और विनिमय दोनों सेवाएं सात अक्टूबर को बंद कर दी गई थीं.
इससे पहले बैंक ने बताया था कि 2,000 रुपये मूल्य वर्ग के 97 प्रतिशत से ज्यादा नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ चुके हैं और अब सिर्फ 10,000 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही लोगों के पास रह गए हैं. चलन में मौजूद 2,000 रुपये मूल्य के नोटों का कुल मूल्य 19 मई, 2023 को कारोबार की समाप्ति पर 3.56 लाख करोड़ रुपये था. अब यह घटकर 31 अक्टूबर, 2023 को 10,000 करोड़ रुपये रह गया है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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