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Sikkim Flood: 25 से अधिक शव बरामद, 143 लापता लोगों की तलाश जारी, सरकार ने की मुआवजे की घोषणा

Sikkim Flood: बाढ़ से मची तबाही में मारे गए 25 से ज्यादा लोगों के शव बरामद हुए है. उत्तर सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बुधवार सुबह बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आयी बाढ़ के बाद 15 जवानों समेत कुल 103 लोग अब भी लापता हैं.

Sikkim Flood: सिक्किम में बादल फटने से कई इलाकों में तबाही का आलम है.बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आयी बाढ़ के तीन दिन बाद यानी शुक्रवार को निचले इलाकों में नये शव मिलने से मृतकों की संख्या बढ़कर 25 हो गयी है. मृतकों में सेना के सात जवान भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने शुक्रवार को बताया कि बरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से सात के शव निचले इलाकों के विभिन्न हिस्सों से बरामद किये गए हैं, जबकि एक को बचा लिया गया तथा शेष लापता जवानों की तलाश सिक्किम और उत्तर बंगाल में जारी है.

आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, घटना में जान गंवाने वाले सेना के सात जवानों में से चार की पहचान कर ली गयी है. मृतकों में बिन्नागुड़ी सैन्य अड्डे के गोपाल मद्दी, बेंगडुबी के 64 ब्रिगेड के नायक भवानी सिंह चौहान, अलीपुरद्वार में मधुबागान के नायक एन जी प्रसाद और बिमल उरांव शामिल हैं.ये शव तीस्ता नदी के बेसिन और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में दार्जीलिंग जिले के सिलीगुड़ी इलाके और जलपाईगुडी तथा कूचबिहार जिलों में उसकी सहायक नदियों से बरामद किए गए हैं. पश्चिम बंगाल की सीमा सिक्किम से लगी हुई है.

22 लोगों के शव मिले

बाढ़ से मची तबाही में मारे गए 22 लोगों में से 15 पुरुष तथा छह महिलाएं हैं, जबकि एक शव की पहचान अभी नहीं की जा सकी है. उत्तर सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बुधवार सुबह बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आयी बाढ़ के बाद 15 जवानों समेत कुल 103 लोग अब भी लापता हैं. सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने अपनी ताजा बुलेटिन में कहा कि अभी तक 2,411 लोगों को बचाकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है जबकि 22,000 से ज्यादा लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं.बाढ़ से प्रभावित चार जिलों में 7,644 लोगों को 26 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.

सीएम तमांग ने की विस्थापित लोगों से बात

सिक्किम के मुख्यमंत्री ने पाकयोंग जिले के रांगपो शहर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोगों से बातचीत की. उन्होंने लोगों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने यह भी कहा कि हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हम नुकसान के बारे में सटीक विवरण नहीं दे सकते, समिति का गठन किए जाने और उसका आकलन पूरा होने के बाद ही इसकी जानकारी दी जाएगी. हमारी प्राथमिकता विभिन्न जगहों पर फंसे लोगों को बचाना और उन्हें तत्काल राहत मुहैया कराना है.

राज्य सरकार देगी चार लाख रुपये मुआवजा

वहीं, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने राज्य में अचानक आई बाढ़ में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. उन्होंने राहत शिविरों में शरण लिए लोगों में प्रत्येक को 2000 रुपये की तत्काल राहत देने की भी घोषणा की.

25000 लोग हुए हैं प्रभावित- सीएम तमांग

मुख्यमंत्री ने कहा, जिलों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है और पुल बह गए हैं. उत्तर सिक्किम में संचार सेवाओं पर काफी असर पड़ा है. उन्होंने बताया कि कि करीब 25,000 लोग प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तथा अन्य केंद्रीय नेताओं से बात की है. सीएम तमांग ने कहा, उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि राज्य को सभी आवश्यक सहायता मुहैया करायी जाएगी. शाह ने सिक्किम में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से राज्य को 44.8 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी करने को मंजूरी दे दी है.

प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी केंद्रीय दल

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शाह के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) का गठन किया, जो बादल फटने से बाढ़ आने और इसके कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द ही सिक्किम के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी. झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में जल जमा हो गया और चुंगथांग बांध की ओर प्रवाहित हुआ. तेज जलप्रवाह ने बिजली संयंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया और निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई.

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बाढ़ से राज्य में 13 पुल बह गए, जिसमें अकेले मंगन जिले के आठ पुल शामिल हैं. गंगटोक में तीन और नामची में दो पुल बह गए. आपदा में छह लोगों की गंगटोक में तथा चार-चार लोगों की मंगन और पाकयोंग में मौत हो गई.घटना के बाद से कुल 103 नागरिक लापता हैं. उनमें से 59 पाकयोंग से, 22 गंगटोक से, 17 मंगन से और पांच नामची से लापता हैं. बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही चुंगथांग शहर में मचायी है और उसके 80 फीसदी हिस्सों पर इसका असर पड़ा है. राज्य की जीवनरेखा माने जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)10 को कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा है.

इस बीच, तीस्ता बैराज के समीप निचले इलाके में सेना के 15 लापता जवानों की तलाश जारी है. एक रक्षा विज्ञप्ति के अनुसार, बरदांग में घटनास्थल पर सेना के वाहनों को कीचड़ से बाहर निकाला गया. तलाश अभियान में श्वान दल और विशेष रडार का इस्तेमाल किया गया. मुख्य सचिव वी बी पाठक ने बताया कि सेना मौसम में सुधार होने पर उत्तर सिक्किम में लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग इलाकों में फंसे करीब 3,000 पर्यटकों को निकालने का अभियान शुक्रवार को शुरू कर सकती है.उन्हें हवाई मार्ग से मंगन लाया जाएगा और उसके बाद सड़क मार्ग से गंगटोक ले जाया जाएगा.

विज्ञप्ति के अनुसार, शुक्रवार को मौसम में सुधार के साथ विभिन्न स्थानों पर फंसे पर्यटकों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकाले जाने की संभावना है. इसमें कहा गया है कि सभी एजेंसियां नुकसान का आकलन करने और सड़क संपर्क बहाल करने की योजना बनाने के लिए सर्वेक्षण कर रही हैं. सिंगताम और बरदांग के बीच सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है.अधिकारियों ने बताया कि जलपाईगुड़ी जिले में टोटगांव में करीब 500 लोगों को बचाया गया है. प्रभावित लोगों को स्थानीय स्कूलों में ले जाया गया है जहां उन्हें भोजन, कंबल और तिरपाल उपलब्ध कराए गए. शिविरों में अस्थायी शौचालय बनाए गए हैं और उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है.

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