‘मेरा पालतू कुत्ता वापस घर आ गया है’, महुआ मोइत्रा के पुराने दोस्त देहाद्राई ने कही ये बात
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मोइत्रा के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, इस कदम को प्रतिशोध की राजनीति करार दिया और भाजपा पर केंद्र सरकार की आलोचना करने वाली आवाजों को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया.
एक पालतू कुत्ते को वापस पाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा के साथ जारी तनातनी में फंसे वकील जय अनंत देहाद्राई ने बृहस्पतिवार को कहा कि हेनरी (पालतू कुत्ता) उनके पास वापस आ गया है. मोइत्रा ने देहाद्राई को अपना ‘‘पूर्व प्रेमी’’ करार दिया था. देहाद्राई की एक शिकायत के कारण लोकसभा आचार समिति ने टीएमसी सांसद को संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की है. देहाद्राई ने कुत्ते को सहलाते हुए एक वीडियो ‘एक्स’ पर साझा किया और कहा, ‘‘हेनरी का वापस स्वागत है। सभी समर्थन, प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद… हेनरी घर वापस आकर रोमांचित है.’’ इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली पुलिस को दी गई एक शिकायत में, वकील ने आरोप लगाया कि टीएमसी सांसद उन्हें डराने-धमकाने के लिए उनके आवास पर ‘‘व्यक्तिगत रूप से आने के बहाने’’ के तौर पर उनके पालतू जानवर का इस्तेमाल कर रही थीं. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के अनुसार, पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर से तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर अपने संसदीय मेल के माध्यम से प्रश्न पूछने का और उनके साथ अपनी लॉग-इन आईडी, पासवर्ड साझा करने का आरोप है.
महुआ मोइत्रा के समर्थन में उतरी तृणमूल
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपनी सांसद महुआ मोइत्रा का बृहस्पतिवार को पुरजोर समर्थन किया जो ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ विवाद में फंसीं हैं. तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि जो भी सरकार से सवाल करता है, उसे केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा परेशान किया जाता है. जानकारी के अनुसार मोइत्रा के खिलाफ पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले अनैतिक आचरण के आधार पर उन्हें संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मोइत्रा के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, इस कदम को प्रतिशोध की राजनीति करार दिया और भाजपा पर केंद्र सरकार की आलोचना करने वाली आवाजों को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. बनर्जी राज्य में कथित स्कूल नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने यह सवाल भी किया कि मोइत्रा के खिलाफ आरोप साबित होने से पहले ही संसद की एक समिति उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कैसे कर सकती है. बनर्जी ने सवाल किया, जो कोई भी अडाणी मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछ रहा है, उसे परेशान किया जा रहा है. लोकसभा की आचार समिति महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोप साबित होने से पहले ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कैसे कर सकती है? टीएमसी पार्टी ने मोइत्रा का अब तक सीधा बचाव नहीं किया है और एक समय तो यहां तक कहा था कि वह इस मुद्दे पर आचार समिति की रिपोर्ट का इंतजार करेगी. बनर्जी ने मोइत्रा के बचाव का नेतृत्व करते हुए उनके निष्कासन की सिफारिश की आलोचना की और कहा कि मोइत्रा खुद का बचाव करने में पूरी तरह सक्षम हैं.