उद्धव ठाकरे की पार्टी को केवल पैसों से प्यार, जानें क्या बोले एकनाथ शिंदे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनके पास चंदे से एकत्र किये गये धन को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि यह शिवसेना कार्यकर्ताओं से संबंधित है. जानें एकनाथ शिंदे ने क्या कहा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की पार्टी पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने उनसे 50 करोड़ रुपयों की मांग की जिसे अविभाजित पार्टी ने चंदा के जरिये एकत्र किया था. यह दिखाता है कि ठाकरे गुट केवल पैसों की चाह रखता है. शिंदे ने राज्य विधानसभा के मानसूत्र के समाप्त होने के बाद मीडिया से बात की और उक्त बातें कही. शिंदे ने कहा कि उन्होंने यह पैसा वापस कर दिया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) नेता सुभाष देसाई और अनिल देसाई ने उन्हें पार्टी के तीर-धनुष चिह्न वाले लेटरहेड पर पत्र लिखकर उनसे 50 करोड़ रुपये जमा करने को कहा जो कि पार्टी का था. आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे ने पिछले साल शिवसेना को विभाजित करके उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी सरकार को गिरा दिया था, ने इसका जिक्र दिन में विधानसभा में भी किया था.
धन वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनके पास चंदे से एकत्र किये गये धन को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि यह शिवसेना कार्यकर्ताओं से संबंधित है. भारत निर्वाचन आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न हमें अलॉट किया है. यह मांग दिखाती है कि ये लोग केवल पैसे से प्यार करते हैं ना कि शिवसेना कार्यकर्ताओं और बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा से. मुख्यमंत्री ने सत्र को ‘सफल और फलदायी’ बताया और कहा कि हमने राज्य के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये. हमने सार्वजनिक अस्पतालों में मुफ्त में इलाज मुहैया कराने के बारे में निर्णय लिया.
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महाराष्ट्र के ‘महा गद्दार’ का पता लगाएं
इधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना शुक्रवार को उन पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि किसने लोगों के जनादेश, बाल ठाकरे की विचारधारा और 25 साल के सहयोगी को धोखा दिया. वह विधानसभा में पिछले सप्ताह विपक्ष की पहल पर शुरू हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे. शिंदे ने कहा कि पिछले एक साल से हमें ‘खोके’ और ‘गद्दार’ कहा जा रहा है. अब इसे हमेशा के लिए निपटाने का समय आ गया है. जो लोग हम पर ‘गद्दार’ और ‘खोके’ (धन की पेटी) होने का आरोप लगाते हैं, उन्होंने हमें पत्र लिखकर हमसे 50 करोड़ रुपये लौटाने के लिए कहा है. मैंने निर्देश दिया है कि इसे वापस किया जाना चाहिए. मैं आपकी संपत्ति पर दावा नहीं करता. मेरी संपत्ति बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा है.
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जनता के समर्थन से एमवीए मजबूत और एकजुट
पिछले दिनों शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) मजबूत है और महाराष्ट्र की जनता ने इस गठबंधन को अपना समर्थन दिया है. विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने कहा कि एमवीए नेता जल्द ही राज्य का दौरा शुरू करेंगे और बैठकें करेंगे. दानवे ने कहा कि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में टूट के बावजूद एमवीए मजबूत और एकजुट है. इस बैठक में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और बालासाहेब थोराट, एनसीपी के जयंत पाटिल के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के अबू आसिम आजमी और जनता दल (यूनाइटेड) के कपिल पाटिल जैसे कुछ प्रमुख नेता मौजूद थे. बैठक को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि 17 अगस्त के बाद एमवीए सहयोगी चुनाव की तैयारी के लिए संयुक्त रैलियों के साथ-साथ कार्यकर्ता सम्मेलन भी करेंगे.
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आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र में सरकार बनायी थी. इसके बाद से ही उद्धव ठाकरे और उनके बीच बयानबाजी जारी है. दोनों नेता एक दूसरे पर कटाक्ष करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. उद्धव ठाकरे अब विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं जो आने वाले लोकसभा चुनाव में साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है. उद्धव ठाकरे की पार्टी का दावा है कि उनकी पार्टी एनडीए को महाराष्ट्र में टिकने नहीं देगी. उल्लेखनीय है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन में है.