Agra News: ताजनगरी के डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लग रहा है. विश्वविद्यालय में सामूहिक नकल के मामले में एक कॉलेज की परीक्षा निरस्त कर दी तो दूसरे कॉलेज पर केवल जांच के निर्देश देकर खानापूर्ति कर ली. ऐसे में विश्वविद्यालय की इस कार्रवाई पर काफी सवाल खड़े हो रहे हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार आंबेडकर विवि के कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के आधार पर दो कॉलेजों में नकल करने के मामले सामने आए थे. जिसके खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन को रिपोर्ट दी गई थी.विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पूरे मामले पर सख्ती दिखाई और हाथरस के मां जानकी देवी महाविद्यालय और एटा के श्री रामस्वरूप गंगा प्रसाद कॉलेज की परीक्षा निरस्त करने और केंद्र को डिबार करने का आदेश जारी किया गया.लेकिन वहीं अगले दिन कंट्रोल रूम से दी गई सूचना का संशोधन किया गया और बताया गया कि एटा के कॉलेज में नकल नहीं हो रही थी बल्कि नकल अलीगढ़ के डीआरजी महाविद्यालय में हो रही थी.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में कोई भी देरी न करते हुए एटा के कॉलेज को तत्काल क्लीन चिट दे दी.मगर इस दौरान वह अलीगढ़ के डीआरजी कॉलेज पर कार्रवाई करना भूल गए.जिसमें सामूहिक नकल की बात सामने आने पर जांच करने की बात कही गई. विवि प्रशासन की कार्रवाई पर अब यह सवाल बना हुआ है कि कंट्रोल रूम की रिपोर्ट के बाद एक कॉलेज की परीक्षा को निरस्त कर दिया गया और उसे डिबार कर दिया गया. लेकिन वहीं जब दूसरे कॉलेज में नकल का मामला सामने आया तो 4 दिन बीत जाने के बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक कार्यवाही नहीं की है.
वहीं इस मामले के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के ऊपर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या वाकई में अलीगढ़ के कॉलेज में नकल हो रही थी या एटा के कॉलेज को बचाने के लिए यह कहानी रची गई थी. और अगर अलीगढ़ के कॉलेज में नकल हो रही थी तो उस पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है.