Agra News: आगरा में वायु प्रदूषण की वजह से ताजमहल भी चपेट में आ गया है. प्रदूषण के कारण गहरी धुंध के बीच ताजमहल को दूर से देखना मुश्किल हो रहा है. प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर के बीच जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और हवा की सेहत सुधारने के लिए बैठकों का दौर शुरू हो गया. कमिश्नर और जिलाधिकारी ने विभागों को कड़े निर्देश दे दिए. हालांकि ये कागजी फरमान बनकर रह गया है. हालत ये है कि ताजमहल के पीछे दशहरा घाट पर पत्थर कटाई का काम किया जा रहा है. इस काम की वजह से उड़ने वाली धूल ताजमहल तक पहुंच रही है. इससे दिक्कतें फिर बढ़ गई हैं. दीपावली पर आतिशबाजी की वजह से प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ने की संभावना है. ऐसे में अधिकारियों के ध्यान नहीं देने की वजह से समस्या बढ़ सकती है. प्रदूषण की वजह से ताजमहल को नुकसान पहुंचने के मामले में कई बार पहले भी सामने आए हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है.
आगरा में ताजमहल के टावर नंबर पांच की मरम्मत का कार्य दशहरा घाट किनारे किया जा रहा है. इसके लिए फतेहपुर सीकरी से पत्थर मांगे गए हैं. इन पत्थरों की कटाई यहां मशीनों से की जा रही है. साथ ही मशीन से घिसाई का काम भी किया जा रहा है. इसकी वजह से यहां काफी धूल उड़ रही है. और यह धूल ताजमहल तक पहुंच रही है. जबकि ताजमहल के जिस टावर की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. इस टावर पर आसपास का तापमान और प्रदूषण नापने के लिए सीबीसीबी का सेंसर भी लगा हुआ है. इस बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के पुरातत्व विद अधीक्षक डॉ. राजकुमार पटेल ने जांच कराने की बात कही है. वहीं कहा जा रहा है कि यहां पत्थर पहले से ही कटे हुए आते हैं. सिर्फ छेनी हथौड़ी से उन्हें आकार दिया जाता है.
आपको बता दें कुछ दिनों से आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी तेजी से बढ़ रहा है. शासन के अधिकारी काफी चिंतित है और ऐसे में बैठक कर वायु प्रदूषण रोकने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. निर्माण सामग्री को ढक कर रखना, ताजमहल के पास हर दो घंटे में पानी का छिड़काव करने को कहा गया है. इसके साथ ही पेड़ पौधों पर पानी डालने को कहा गया है, जिससे उन पर जमी धूल हट सके. साथ ही शहर में बढ़ते एक्यूआई के कारण अगले साल फरवरी तक ग्रैप लागू कर दिया गया है.
ऐसे ही कुछ दिन पहले ही एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी के पास इमारत को तोड़ने का कार्य चल रहा था. लेकिन, ध्वस्तीकरण में नियमों की अनदेखी की जा रही थी. इसके बाद जिलाधिकारी ने चेतावनी दी और मौके पर ग्रीन नेट लगवाई गई.