मथुरा. उत्तर प्रदेश में मानसून के एक्टिव होने के बाद से बारिश का सिलसिला जारी है. वहीं यूपी के कई जिलों में बारिश का कहर बरप रहा है. भारी बारिश की वजह से यूपी के कई नदियों ने रौद्र रूप ले लिया है. मथुरा और वृंदावन में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसकी वजह से वृंदावन में 100 से ज्यादा और मथुरा में 24 से अधिक लोग अपना घर छोड़कर बाढ़ राहत केंद्रों पर पहुंच चुके हैं. मथुरा में लगातार हो रही बारिश की वजह से पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है. जो लोगों के लिए काफी घातक साबित हो रहा है.
यमुना के प्रयाग घाट पर जलस्तर खतरे के निशान 166 फीट से 40 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. जिससे आसपास रहने वाले लोगों की दिल की धड़कन बढ़ गई है. वह लोग अपने सामान को स्थानांतरित करने में जुटे हुए हैं. यमुना का पानी कई रिहायशी इलाकों में घुस गया है. यहां पर कई लोग ऐसे हैं जो अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं है. इस वजह से वह पानी के बीच रहने को मजबूर है. यमुना में बढ़ते जलस्तर का असर सबसे ज्यादा वृंदावन में देखने को मिल रहा है. वीआईपी रोड परिक्रमा मार्ग पर 3 फीट से ज्यादा पानी भर चुका है. यहां काली दह से लेकर मदन मोहन मंदिर तक यमुना का पानी हिलोरे मार रहा है.
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यहीं पर वॉटर ट्रीटमेंट का प्लांट चलाने वाले दिनेश का घर भी मौजूद है. दिनेश ने बताया कि उनके घर में 5 फीट तक पानी भर गया है, किसी तरह निकल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे हैं. काली दह पर 45 साल बाद यमुना आई है, इससे पहले 1978 की बाढ़ में यहां पानी आया था. चीर घाट से केसी घाट जाने वाले पैदल रोड को बंद कर दिया गया है. यहां पर 6 फीट से ज्यादा पानी आ गया है. कुंभ मेला क्षेत्र में बना धोबी घाट भी पानी से लबालब भरा हुआ है. वहीं अस्थाई घर बनाकर रह रहे लोग अब सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चे घरों का सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों की तरफ ले जा रहे हैं. ट्रैक्टर ट्रॉली से सामान और पशुओं को निकाला जा रहा है. संत विजय कौशल महाराज के आश्रम में भी पानी भर गया.
मथुरा-वृंदावन के निचले इलाके के कई गांव पानी में डूब गए हैं. किसानों की कई एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है. मथुरा और वृंदावन के निचले इलाकों में घरों और सड़कों पर पानी भर गया है. जिसके कारण लोग सुरक्षित जगहों पर पलायन करने को मजबूर है. मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में 24 घंटे के अंदर 1.02 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है. यूपी के 75 में से 32 जिलों में इस दौरान अत्याधिक बारिश हुई है. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के अंदर भारी बारिश की चेतावनी दी है.
यूपी के कई जिलों में इस समय बारिश तबाही मचा रही है. वाराणसी और प्रयागराज में घाट डूबने लगे हैं. घाट के पास बने कुछ छोटे मंदिर पहले ही डूब चुके हैं. वहीं निचले इलाकों में बने घरों में पानी घुस गया है. राज्य में बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में पिछले दो दिनों के अंदर अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. रामपुर में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई, वहीं बलिया, महोबा और ललितपुर में बिजली गिरने से 7 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इसके अलावा सुल्तानपुर में सांप के काटने से एक शख्स की मौत हो गई.
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यूपी में बाढ़ को लेकर सीएम योगी ने कई जिलों का दौरा किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़-बारिश के बीच जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर एली परसौली तटबंध और घाघरा नदी पर एल्गिन ब्रिज के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. उनके साथ जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे. इस दौरान सीएम ने कहा कि बाढ़ से बचाव की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. संबंधित विभागों के अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है. बता दें कि मथुरा में यमुना नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है. वहीं, बदायूं में भी गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बुलंदशहर और फर्रुखाबाद में नदी खतरे के निशान के करीब पहुंचने वाली है.