आगरा. मथुरा और ब्रज की लठमार होली दुनियाभर में मशहूर है. ब्रज की लठमार होली को देखने दुनिया भर से लोग आते हैं. मथुरा में होली की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसमें मथुरा जेल की कैदी भी अपना योगदान दे रहे हैं. जेल के कैदी अरारोट में सब्जियों को मिलाकर हर्बल गुलाल बना रहे हैं और खुशबू के लिए इसमें इत्र डाल रहे हैं. जेल अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह के कई कार्य जेल में किए जाते हैं. जिससे कैदी जेल से निकलकर समाज में अच्छे कार्यों को कर अपना जीवन व्यतीत कर सकें.
ब्रज क्षेत्र में होली की शुरुआत बसंत पंचमी से हो गई. जिसके बाद यह उत्सव करीब 40 दिन तक ब्रजमंडल में चलेगा. जिसकी शुरुआत 27 फरवरी को बरसाने की लड्डू होली से होगी. मथुरा की जेल में रहने वाले कैदी भी ब्रज की होली में अपना योगदान दे रहे हैं. मथुरा जेल में करीब 17 सौ कैदी निरुद्ध हैं. जिनमें से कई कैदी हर्बल गुलाल बनाने में जुटे हुए हैं. यह लोग सब्जियों में अरारोट मिलाकर हर्बल रंग तैयार कर रहे हैं और खुशबू के लिए उसमें इत्र डाल रहे हैं.
सब्जी से हर्बल रंग तैयार करने के लिए अरारोट में पालक को पीसकर उसमें से हरा रंग निकाला जाता है और इसी के साथ मेथी, चुकंदर और हल्दी को पीसकर उसका भी रंग बनाया जा रहा है. उन सभी पाउडर में खुशबू बनी रहे इसके लिए इत्र मिलाया जा रहा है. जेल अधीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि जेल में कैदियों के छह ग्रुप हर्बल रंग तैयार कर रहे हैं. यह गुलाल जब तैयार हो जाएगा तो करीब 200 रुपये किलो की दर से बिक्री होगा.
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इस बार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च की शाम 04 बजकर 17 मिनट से 07 मार्च की शाम 06 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. वहीं, पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 7 मार्च को होगा. इसलिए इसी दिन यानी 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. इसके अगले दिन 8 मार्च को धुरेड़ी पर्व यानी होली मनाया जाएगा. होलिका दहन पर खासतौर से भद्रा की स्थिति पर विचार जरूर किया जाता है. लेकिन, इस बार होलिका दहन के समय भद्रा नहीं है.