IAF Helicopter Crash: तमिलनाडु में कुन्नूर के समीप हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई. हादसे में शहीद आगरा के लाल पृथ्वी सिंह चौहान अपने घर नए साल पर पिताजी को जन्मदिन का सरप्राइज गिफ्ट देने आने वाले थे, लेकिन उनके आने से पहले ही उनके शहीद होने की खबर घर पहुंच गई, जिसके बाद पूरे घर में शोक का माहौल है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान जहां एक तरफ अपनी कार्यकुशलता के लिए जाने जाते थे. वहीं दूसरी तरफ घर में इकलौते बेटे और चार बहनों के भाई होने के वजह से सब के लाडले थे. हर साल पृथ्वी परिवार को कोई न कोई सरप्राइज देते रहते थे. कई बार वह नई साल पर बिना बताए ही घर पहुंच गए, जिससे घर वाले भी अचंभित हो गए. उनका मानना था कि घरवालों को बिना बताए उनके सामने आने पर जो खुशी मिलती है वह बताने के बाद शायद ही मिले.
मिली जानकारी के अनुसार, इस साल अगस्त में पृथ्वी अपने घर रक्षाबंधन के त्यौहार पर आए थे. इस दौरान उन्होंने चचेरे और ममेरे भाइयों के साथ मिलकर न्यू ईयर सेलिब्रेशन और पिताजी के जन्मदिन पर परिवार को सरप्राइज देने और पार्टी करने की प्लानिंग की थी.
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विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के चचेरे भाई जितेंद्र का कहना है कि, पृथ्वी का हमेशा से ही सैनिक स्कूल में पढ़ने का सपना था, और उसी के अनुसार उन्होंने रीवा के सैनिक स्कूल में दाखिला लिया. वहीं एनडीए में भर्ती होने का भी पृथ्वी का पुराना सपना था. जब भी घर पर आते थे. अक्सर सभी को प्रोत्साहन दिया करते थे. साथ ही बहुत मजाकिया व्यवहार के व्यक्ति थे.
दरअसल, पृथ्वी सिंह चौहान छठी क्लास में ही सैनिक स्कूल में भर्ती हो गए थे. उसके बाद से जब भी रक्षाबंधन पर वह घर आया करते थे तो, उन्हें कभी एक या कभी दो बहने ही मौजूद मिलती थी. लंबे समय तक वह चारों बहनों के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मना पाए. लेकिन पिछले रक्षाबंधन पर ही पृथ्वी सिंह घर आए थे और चारों बहनों के साथ उन्होंने 31 साल बाद रक्षाबंधन मनाया था.
पृथ्वी के मामा के लड़के पुष्पेंद्र ने बताया कि, भाई हमेशा बाहर रहते थे और बुआ फूफाजी ने ही उन्हें पाला है. मुझे बुआ फूफा अपना दूसरा बेटा मानते हैं. पृथ्वी 31 दिसंबर को आगरा आ रहे थे, क्योंकि उस दिन उनके पिता सुरेंद्र सिंह का भी जन्मदिन है.
(रिपोर्ट:- राघवेंद्र सिंह, आगरा)