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Janmashtami 2023: कान्हा की भक्ति में डूबा ब्रज, शुभ मुहूर्त में इस तरह पूजा से पूरी होगी हर मनोकामना

मथुरा और वृंदावन के सभी प्रमुख मंदिरों में बड़े धूमधाम से इस उत्सव को मनाया जा रहा है. कहीं भगवान का पंचामृत से अभिषेक हो रहा है तो कहीं उनको लड्डू से भोग लगाया जा रहा है. प्रेम मंदिर, बांके बिहारी, रंगनाथ, द्वारकाधीश, राधा रमन, इस्कॉन समेत 25 मंदिर रोशनी से जगमग हैं.

Janmashtami 2023: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा और वृंदावन में चारों तरफ धूम मची हुई है. पूरा मथुरा-और वृंदावन श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव में रंग गया है. चारों तरफ उत्साह और उमंग का माहौल दिखाई दे रहा है.

जन्माष्टमी के शुभ मुहूर्त में विभिन्न मनोकामना के लिए इस तरह करें पूजा

कृष्ण जन्माष्टमी की रात डंठल और हल्की सी पत्तियों वाले खीरे को कान्हा की पूजा में उपयोग करें. रात के 12 बजे खीरे के डंठल को किसी सिक्के से काटकर कान्हा का जन्म कराएं. इसके बाद शंख बजाकर बाल गोपाल के आने की खुशियां मनाएं. जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण का पंचामृत और जल से अभिषेक करें. इसके बाद भगवान को लाल वस्त्र अर्पित करें. उन्हें 27 बार झूला झुलाएं. चढ़ाया गया पंचामृत प्रसाद की तरह ग्रहण करें.

संतान प्राप्ति के लिए भगवान कृष्ण का पंचामृत से अभिषेक करें. भगवान को पीले वस्त्र और पीले फूल अर्पित करें. उन्हें माखन मिसरी का भोग लगाएं और 27 बार झूला झुलाएं. ऊं क्लीं कृष्णाय नमः का ग्यारह माला जाप करें. चढ़ाया गया पंचामृत प्रसाद की तरह ग्रहण करें आर्थिक समस्याओं से निजात के लिए भगवान कृष्ण का सुगन्धित जल से अभिषेक करें. उन्हें गुलाबी रंग के वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद उन्हें नौ बार झूला झुलाएं. चढ़ाया गया सुगन्धित जल एकत्र कर घर में छिड़कें.

वहीं रोजगार और नौकरी के लिए भगवान कृष्ण को सफेद चन्दन और जल अर्पित करें. उन्हें गुलाब के फूलों की माला चढ़ाएं, चमकदार सफेद रंग के वस्त्र पहनाएं. उन्हें 18 बार झूला झुलाएं. चढ़ाई गई माला अपने पास सहेजकर रख लें. सफेद चंदन का तिलक लगाते रहें. इसके अलावा स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण के लिए जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण का पंचामृत और जल से अभिषेक करें. इसके बाद भगवान को लाल वस्त्र अर्पित करें. उन्हें 27 बार झूला झुलाएं. चढ़ाया गया पंचामृत प्रसाद की तरह ग्रहण करें.

मथुरा और वृंदावन के सभी प्रमुख मंदिरों में बड़े धूमधाम से इस उत्सव को मनाया जा रहा है. कहीं भगवान का पंचामृत से अभिषेक हो रहा है तो कहीं उनको लड्डू से भोग लगाया जा रहा है. लाइटिंग और संगीत की व्यवस्था भी की गई है. जिला प्रशासन द्वारा शहर के तमाम चौराहों को भव्य लाइटिंग और साज सज्जा से सुशोभित किया गया है.

251 किलोग्राम के पंचामृत से श्रीकृष्ण का अभिषेक

राधा दामोदर मंदिर में 251 किलो के पंचामृत से श्रीकृष्ण का अभिषेक किया गया. वहीं वृंदावन के शाह जी मंदिर में 101 किलोग्राम पंचामृत से अभिषेक किया गया. गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थित भागवत भवन में कार्यक्रमों की शुरुआत मंगला आरती के साथ की गई. इसके बाद 10 बजे शोभा यात्रा निकाली गई. वहीं वृंदावन के राधा रमण मंदिर में भगवान कृष्ण का अभिषेक सवा मन दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से किया गया.

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25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे कान्हा की नगरी

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा वृंदावन के सभी मंदिरों को भव्य तरीके से दुल्हन की तरह सजा दिया गया है. प्रेम मंदिर, बांके बिहारी, रंगनाथ, द्वारकाधीश, राधा रमन, इस्कॉन समेत 25 मंदिरों में रोशनी जगमग कर दी गई है. जन्मभूमि स्थित गर्भगृह में कारागार की तरह सजावट की गई है. इस बार जन्माष्टमी पर 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मथुरा पहुंचे हैं.

ब्रज कान्हा के जन्मोत्सव के आनंद में सराबोर

मथुरा वृंदावन के रास्तों, कुंज गलियों, चौराहों और घाटों को भव्य रूप दिया गया है. लाइटिंग की चमक इसमें चार-चार लगाने का काम कर रही है. हर गली मोहल्ले में उत्सव का माहौल दिखाई दे रहा है. मथुरा वृंदावन के रहने वाले लोग और बाहर से आने वाले लोग प्रेम आस्था और उत्साह के उत्सव में सराबोर चुके हैं.

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इस बार जन्माष्टमी पर भी उसकी झलक दिखाई देगी. इसरो के चीफ सोमनाथ के नाम पर सोमनाथ पुष्प बंगला बनाया गया है. साथ ही भगवान कृष्ण को प्रज्ञान प्रभास पोशाक पहनाई जाएगी. बुधवार शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ आना शुरू हो गई थी. ठाकुरजी की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मथुरा पहुंच रही है.

1008 कमल पुष्पों से किया जाएगा भगवान कृष्ण का आह्वान

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा के जन्मभूमि मंदिर में मुख्य आयोजन किया जाता है. गुरुवार रात 11:00 बजे से महाभिषेक का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा. श्री कृष्ण जन्म स्थान पर सबसे पहले श्री गणेश, नवग्रह पूजन होगा. 1008 कमल पुष्पों से भगवान श्रीकृष्ण का आह्वान किया जाएगा. और रात 12:00 बजे भगवान का प्राकट्य के साथ महाभिषेक होगा. चांदी की कामधेनु गाय के दूध से अभिषेक होगा. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर ढोल नगाड़े, मजीरा, मृदंग और हरी नाम संकीर्तन करेगा और अभिषेक के बाद भगवान की महाआरती की जाएगी.

आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कार्यक्रमों की शुरुआत मंगला आरती से हुई. श्री कृष्ण जन्म स्थान पर भागवत भवन स्थित जुगल सरकार राधा कृष्ण की मंगला आरती की गई. दिव्य शहनाई और नगाड़ों की धुन के साथ भगवान की आरती हुई. इसके बाद भगवान के चरणों में पुष्प अर्पित किए गए.

पहली बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर निकली शोभा यात्रा

मथुरा में पहली बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शोभा यात्रा का भी आयोजन किया गया. मंदिर के मुख्य द्वार से शुरू होकर यह शोभायात्रा पोतरा कुंड, महाविद्या कॉलोनी, गोविंद नगर थाना, रूपम सिनेमा, डीग गेट होते हुए मुख्य द्वार पहुंची. इस शोभायात्रा में 250 कलाकारों ने प्रस्तुति दी और इसमें 20 से ज्यादा झांकी शामिल रही. शोभायात्रा का शुभारंभ उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी द्वारा किया गया.

द्वारकाधीश मंदिर में पंचामृत अभिषेक

मथुरा के पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के द्वारकाधीश मंदिर में भी कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह 6:00 बजे से हो गई. द्वारकाधीश मंदिर में मंगला आरती के बाद पंचामृत अभिषेक किया गया. सुबह 8:30 बजे भगवान के श्रृंगार के दर्शन हुए. इसके बाद शाम को 7:30 बजे उद्यान के दर्शन होंगे. रात 10:00 बजे जागरण की झांकी होगी. रात 11:45 पर पंचामृत अभिषेक के दर्शन होंगे.

केसरिया रंग की पोशाक धारण करेंगे बांकेबिहारी

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुर बांकेबिहारी पीले और केसरिया रंग की पोशाक धारण कर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. इसके लिए मंदिर के सेवायत द्वारा आगरा के एक श्रद्धालु के सहयोग से वृंदावन के कारीगरों द्वारा पोशाक तैयार कराई गई है, जिसकी कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपए है. इसके साथ ही मंदिर के सेवायत गोस्वामी महाभिषेक के लिए पंचामृत, पोशाक, भोग और निज मंदिर में होने वाली अन्य सेवाओं की तैयारियों में लगे हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन ठाकुर बांकेबिहारी की सेवा करने वाले सेवाधिकारी आनंद गोस्वामी ने बताया कि सात सितंबर को भाद्र पद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन ठाकुरजी पीले और केसरिया रंग की पोशाक धारण करेंगे.

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