22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मथुरा: नौ साल के बच्चे के साथ कुकर्म-हत्या, दोषी को फांसी की सजा, पॉक्सो कोर्ट ने महज 15 दिन में सुनाया फैसला

मथुरा में नौ वर्षीय मासूम के साथ कुकर्म-हत्या के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने मात्र 15 दिनों में सुनवाई करते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट के फैसले पर पीड़ित पक्ष ने संतोष जताते हुए ऐसे सभी आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की बात कही है. आरोपी मासूम बच्चे की ताऊ की दुकान में काम करता था.

Mathura: मथुरा जनपद में नौ वर्ष के बच्चे के साथ कुकर्म कर उसकी हत्या करने वाले दोषी को पॉक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. आरोपी ने मासूम से कुकर्म करने के बाद स्प्रिंग से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी और शव को नाले में फेंक दिया था. उसे फांसी की सजा सुनाने के साथ एक लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है.

अहम बात है कि मथुरा में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रामकिशोर यादव की अदालत ने आरोप पत्र दाखिल होने के 15 वर्किंग डे में दोषी को सजा सुनाई है. दोषी सैफ मूल रूप से केडीए कॉलोनी थाना जाजमऊ कानपुर का रहने वाला है और घटना के समय मथुरा के औरंगाबाद में रहता था.

बच्चे के साथ कुकर्म और हत्या की घटना की सरकार की ओर से पैरवी कर रहीं स्पेशल डीजीसी पॉक्सो कोर्ट एडवोकेट अलका उपमन्यु ने बताया कि मथुरा के औरंगाबाद क्षेत्र में 9 साल का बच्चा 8 अप्रैल 2023 की शाम को गायब हो गया था. बच्चों के पिता ने थाना सदर बाजार में उसकी गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

Also Read: मोदी सरकार के 9 वर्ष: सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- दुनिया में बढ़ा सम्मान, पहली बार मिल रहा जैसे को तैसा का जवाब

इसके बाद पुलिस ने अनहोनी की संभावना को देखते हुए बच्चे की तलाश शुरू कर दी थी. आसपास के सीसीटीवी कैमरा के फुटेज देखी गई, जिसमें बच्चा ताऊ की दुकान पर काम करने वाले सैफ के साथ दिखाई दिया. इसके बाद पुलिस ने सैफ को गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ की गई. सैफ की निशानदेही पर बच्चे का शव बरामद किया था. वहीं सैफ ने अपना जुर्म कबूल किया था.

पीड़ित के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने हत्यारे सैफ के खिलाफ धारा 363, 302, 201, 377 और धारा 6 पॉक्सो एक्ट अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया था. स्पेशल डीजीसी अलका उपमन्यु के अनुसार इस घटना की चार्जशीट कोर्ट में 28 अप्रैल 2023 को आई थी. आरोपी पर न्यायालय में 2 मई 2023 को चार्ज लगाया गया था. इस मामले में कुल 14 लोगों की गवाही हुई. 8 मई को पहले गवाही कराई गई और 18 मई को सभी की गवाही समाप्त हो गई. 22 मई को फाइनल बहस हुई.

विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट जज रामकिशोर यादव द्वारा 26 मई को आरोपी सैफ पर सभी धाराओं में दोष सिद्ध कर दिया. जिसमें सोमवार को फांसी की सजा सुनाई गई. वहीं अगर इसमें वर्किंग डे को जोड़ा जाए तो चार्जशीट दाखिल होने के बाद 15 दिन में आरोप सिद्ध हुआ है. वादी की तरफ से इस केस की पैरवी बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव एडवोकेट साहब सिंह देशावर ने की.

कोर्ट के इस फैसले पर बच्चे के पिता ने न्यायालय के फैसले पर संतुष्टि जताई. उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन ने दिन-रात मेहनत कर उन्हें न्याय दिलाया है. ऐसे दोषियों को भविष्य में तुरंत फांसी दी जानी चाहिए. इससे समाज में मैसेज जाएगा और कोई भी दरिंदगी करने से पहले सोचेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें