आगरा. जिले में मेडिकल संचालक द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन और डिग्री के मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा था. स्वास्थ्य विभाग को जब झोलाछाप द्वारा मरीजों के इलाज की जानकारी मिली तो टीम ने छापेमारी की. जिसमें झोलाछाप को इलाज करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. थाना ट्रांस यमुना में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि टेढ़ी पुलिया क्षेत्र में एक झोलाछाप द्वारा फार्मेसी को आड़ में क्लीनिक चलाने की सूचना मिली थी. जिसके बाद एक टीम का गठन किया गया और उस टीम में नोडल अधिकारी डॉक्टर पीयूष जैन व कई कर्मचारियों को निर्देश दिए गए.
जिसके आधार पर नोडल अधिकारी डॉक्टर पीयूष जैन और उनकी टीम ने टेढ़ी बगिया क्षेत्र के राहुल नगर में मौजूद बाला फार्मेसी पर आकस्मिक निरीक्षण किया. इस दौरान झोलाछाप द्वारा फार्मेसी में मरीज का इलाज किया जा रहा था. स्वास्थ्य की टीम को देखकर क्लीनिक पर मौजूद कर्मचारियों व मरीजों में भी हड़कंप मच गया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि फार्मेसी के संचालक से इलाज करने के लिए संबंधित दस्तावेज मांगे गए तो ना तो उसके पास डिग्री थी और ना ही कोई रजिस्ट्रेशन.
ऐसे में आरोपी के खिलाफ थाना ट्रांस यमुना में शिकायत दर्ज कराई गई और उसके आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है. अभी कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा थाना ट्रांस यमुना क्षेत्र में दो अस्पताल और एक पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट पर कार्रवाई की गई थी. जिसमें दोनों अस्पतालों में फर्जी तरीके से पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट के नाम पर विद्यार्थियों के साथ ठगी की जा रही थी. एक पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट जो बच्चों का दाखिला कोर्स कराने के नाम पर ले रहा था वह भी पूर्ण रूप से फर्जी था.