Aligarh News: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मेडिकल के क्षेत्र में आज बड़ा कारनामा कर दिखाया. बच्चे का था जन्म से दिल में बड़ा छेद, जेएनएमसी के डॉक्टरों ने हर्ट में परमानेंट पेसमेकर डालकर बच्चे की जान बचाई.
एएमयू के जेएनएमसी में भर्ती एक 4 साल के बच्चे के जन्म से ही दिल में बहुत बड़ा छेद और अवरोध था. डॉक्टरों के परिश्रम से बच्चे को नया जीवन मिला. प्रोफेसर एमयू रब्बानी अध्यक्ष, कॉर्डियोलाजी विभाग, डॉ. शाद अबकरी पीडियाट्रिक कार्डियोलाजिस्ट और नोडल ऑफिसर आईपीसीसी ने सीनियर कैथ लैब तकनीशियन असगर अब्बास और मेडट्रानिक डिवाइस, अमेरिका के अमित लाल के तकनीकी सहयोग से बच्चे के हार्ट में स्थायी पेसमेकर इम्प्लांटेशन किया.
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यह बच्चा इस संस्थान में स्थायी पेसमेकर प्राप्त करने वाला अब तक का सबसे कम उम्र का रोगी है. प्रोफेसर रब्बानी ने बताया कि इतने छोटे बच्चे में पेसमेकर लगाना एक चुनौतीपूर्ण और जटिल काम था. प्रोफेसर आजम हसीन, डॉ. मयंक यादव और डॉ. शमायल रब्बानी के नेतृत्व में कार्डियक सर्जनों की टीम ने परफ्यूजनिस्ट, साबिर के साथ बच्चे का ऑपरेशन किया. बच्चा पूरी तरह से ठीक है और उसे छुट्टी दी जा चुकी है.
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इस प्रकार से परमानेंट पेसमेकर इम्प्लांट करने पर एएमयू वीसी प्रोफेसर तारिक मंसूर ने डॉक्टरों को बधाई दी. प्रोफेसर शाहिद ए सिद्दीकी प्रिंसिपल और सीएमएस, जेएनएमसी ने बताया कि एएमयू मेडिकल कॉलेज राज्य भर से रेफर किए गए बच्चों को सर्वाेत्तम हृदय चिकित्सा प्रदान कर रहा है.
रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़